विज्ञान महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
आरिश सर
प्रश्न -1 विस्थापन
अभिक्रियाएँ किन्हें कहते हैं ? उदाहरण दीजिए।
उत्तर- विस्थापन अभिक्रियाएँ- "वे
अभिक्रियाएँ जिनमें एक अभिकर्मक तत्त्व दूसरे अभिकर्मक यौगिक में से दूसरे तत्त्व
को विस्थापित करके स्वयं उसका स्थान ग्रहण कर लेता है, विस्थापन
अभिक्रियाएँ कहलाती हैं। " उदाहरण-Fe(s) + CuSO4(aq) → FeSO4(aq) + Cu(s)
✓ प्रश्न-2 द्वि-विस्थापन
अभिक्रियाएँ किन्हें कहते हैं ? उदाहरण दीजिए।
उत्तर-2
द्वि-विस्थापन अभिक्रियाएँ - "वे
अभिक्रियाएँ जिनमें अभिकारकों के बीच आयनों का आदान-प्रदान होता है, द्वि-विस्थापन
अभिक्रियाएँ कहलाती हैं।” उदाहरण-BaCl(aq) + Na₂SO₄taq) → BaSO4(s) + 2NaCl(aq)
प्रश्न 3.श्वसन को
ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया क्यों कहते हैं ?
उत्तर – श्वसन एक मंद दहन ऑक्सीकरण की
अभिक्रिया है जिसमें कार्बन डाइऑक्साइड, जलवाष्प एवं ATP के रूप में ऊष्मा (ऊर्जा)
निकलती है। इसलिए इसे ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया कहते हैं। ।
प्रश्न 4. वायु में जलाने से पूर्व
मैग्नीशियम रिबन को साफ क्यों किया जाता है ?
उत्तर—मैग्नीशियम
रिबन के ऊपर एक धुंधली मैग्नीशियम ऑक्साइड, आरक्षक परत जम जाती है उसे हटाने के
लिए वायु में जलाने से पूर्व मैग्नीशियम रिबन को साफ किया जाता है क्योंकि वह
आरक्षी परत मैग्नीशियम को ऑक्सीजन से क्रिया करने से रोकती है।
प्रश्न 5. लोहे की वस्तुओं पर हम पेंट क्यों करते हैं ?
उत्तर- लोहे की वस्तुओं को संक्षारण से बचाने के लिए हम उनको पेंट
करते हैं जिससे वे नमी के सम्पर्क में न आएँ ।
प्रश्न 6. विकृतगंधिता को परिभाषित कीजिए।
उत्तर- विकृतगंधिता-“तेल या वसा युक्त खाद्य पदार्थ
उपचयित होकर अपना स्वाद एवं गंध को बदल देते हैं, यह घटना विकृतगंधिता कहलाती है।”
उदाहरण – तेल या वसा में तले हुए खाद्य
पदार्थ; जैसे
नमकीन, चिप्स
आदि लम्बे समय तक रखने पर उनका स्वाद एवं गंध अप्रिय हो जाती हैं।
प्रश्न 12. धोने का सोडा एवं बेकिंग सोडा
के द्रो महत्वपूर्ण उपयोग लिखिए।
उत्तर-धोने के सोडा के उपयोग-
(1) इसका उपयोग काँच, साबुन एवं कागज उद्योगों में होता है।
(2) इसका उपयोग घरों में साफ-सफाई के लिए होता है।
बेकिंग
सोडा के उपयोग –
(1) इसका प्रमुख उपयोग बेकरी में उपयोग आने वाले बेकिंग पाउडर
बनाने
में होता
है।
(2) इसका उपयोग सोडा-अम्ल अग्निशामक में किया जाता है।
प्रश्न 13. प्लास्टर ऑफ पेरिस के कोई चार
उपयोग लिखिए।
उत्तर – प्लास्टर ऑफ पेरिस के उपयोग-
(1) टूटी हड्डी जोड़ने के लिए प्लास्टर चढ़ाने में ।
(2) दाँत लगाने के लिए साँचे बनाने में।
(3) अग्निरोधक सामान बनाने एवं वायुरोधी प्रयोगशाला उपकरण बनाने में।
(4) मूर्तियाँ, खिलौने, चॉक एवं सजावटी नमूने बनाने में।
प्रश्न 16.आयनिक यौगिकों के उच्च गलनांक
क्यों होते हैं ?
उत्तर – चूँकि प्रबल अन्तर-आयनिक आकर्षण
को तोड़ने के लिए ऊर्जा की पर्याप्त मात्रा की आवश्यकता उत्तर- होती है। इसलिए आयनिक
यौगिकों के उच्च गलनांक होते हैं।
प्रश्न 20. धातुओं के कोई पाँच भौतिक गुण
लिखिए ।
उत्तर-
धातुओं के भौतिक गुण-
(1) धातुएँ प्रायः ऊष्मा एवं विद्युत् की सुचालक होती हैं।
(2) धातुएँ प्रायः आघातवर्ध्यनीय होती हैं।
(3) धातुएँ प्रायः तन्य होती हैं।
(4) धातुएँ प्रायः कठोर होती हैं।
(5) धातुएँ प्रायः ध्वानिक होती हैं।
प्रश्न 23. प्रकाश-संश्लेषण के लिए आवश्यक
कच्ची सामग्री पौधा कहाँ से प्राप्त करता है ?
उत्तर – प्रकाश-संश्लेषण के लिए पौधा जल
मृदा से तथा कार्बन डाइऑक्साइड वायुमण्डल से एवं ऊर्जा सौर प्रकाश से प्राप्त करता
है।
प्रश्न 24. भोजन के पाचन में लार की क्या
भूमिका है ?
उत्तर – मुँह में
स्थित लार ग्रंथियों से लार निकलकर चबाये हुए भोजन में मिलकर इसे चिकना तथा लसलसा
बना देती है जिससे यह भोजननली में आसानी से फिसल सकता है। इससे अधिक महत्वपूर्ण यह
है कि लार में उपस्थित एन्जाइम एमाइलेज मण्ड के जटिल
अणुओं को
शर्करा में खण्डित कर देती है जो मण्ड की अपेक्षा काफी सरल अणु होते हैं। इस तरह
लार भोजन के पाचन में अहम् भूमिका निभाती है।
प्रश्न 24. भोजन के पाचन में लार की क्या
भूमिका है ?
उत्तर – मुँह में
स्थित लार ग्रंथियों से लार निकलकर चबाये हुए भोजन में मिलकर इसे चिकना तथा लसलसा
बना देती है जिससे यह भोजननली में आसानी से फिसल सकता है। इससे अधिक महत्वपूर्ण यह
है कि लार में उपस्थित एन्जाइम एमाइलेज मण्ड के जटिल अणुओं को शर्करा में खण्डित
कर देती है जो मण्ड की अपेक्षा काफी सरल अणु होते हैं। इस तरह लार भोजन के पाचन
में अहम् भूमिका निभाती है।
प्रश्न 25. हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन की
कमी के क्या परिणाम हो सकते हैं ?
उत्तर – श्वसन के फलस्वरूप प्राप्त
ऑक्सीजन का परिवहन करने तथा उसे ऊतकों तक पहुँचाने का कार्य हीमोग्लोबिन करता है।
इसकी कमी से श्वसन क्रिया प्रभावित होगी। शरीर को ऊर्जा कम मिलेगी क्योंकि ऑक्सीजन
की पर्याप्त मात्रा प्राप्त नहीं होगी।
प्रश्न 26. स्वपोषी पोषण किसे कहते हैं ?
उत्तर-
पेड़-पौधे अपना भोजन प्रकाश-संश्लेषण की प्रक्रिया द्वारा स्वयं बनाते हैं। उनके
इस पोषण को स्वपोषी पोषण कहते हैं।
प्रश्न 34. एकलिंगी
पुष्प को परिभाषित कीजिए।
उत्तर – एकलिंगी पुष्प – “वह पुष्प जिसमें केवल एक ही जननांग
अर्थात् नर जननांग (पुंकेसर, पुमंग) अथवा
मादा जननांग (स्त्रीकेसर, जायांग)
होता है, एकलिंगी
पुष्प कहलाता है।
प्रश्न 35. द्विखण्डन
बहुखण्डन से किस प्रकार भिन्न है ?
उत्तर- द्विखण्डन
में एक कोशा प्रायः दो समान भागों में विभक्त होकर दो जीवों को एक साथ जन्म देती
है जबकि बहुविखण्डन में एक कोशा अनेक संतति कोशिकाओं में एक साथ विखण्डित होकर
अनेक जीवों को एक साथ जन्म देती है।
प्रश्न 36. कुछ पौधों
को उगाने के लिए कायिक प्रवर्धन का उपयोग क्यों किया जाता है ?
उत्तर- कुछ पौधों
में ऐसी क्षमता होती है कि उनके कुछ भाग जैसे जड़, तना तथा पत्तियाँ उपयुक्त परिस्थितियों
में विकसित होकर नया पौधा बना लेती हैं। इस प्रक्रिया में नये पौधे शीघ्र तथा
आसानी से उत्पन्न हो जाते हैं तथा ऐसे पौधे भी इस विधि से उगाये जा सकते हैं जो
बीज उत्पन्न करने की क्षमता खो चुके होते हैं। इसके अतिरिक्त इस प्रकार से उत्पन्न
पौधे आनुवंशिक रूप से जनक पौधे के समान होते हैं। इसलिए कुछ पौधों को उगाने के लिए
कायिक प्रवर्धन का उपयोग किया जाता है।
प्रश्न 37. माँ के शरीर
में गर्भस्थ भ्रूण को पोषण किस प्रकार प्राप्त होता है ?
उत्तर – माँ के शरीर में गर्भस्थ भ्रूण को पोषण
माँ के रुधिर से होता है। इसके लिए विशेष संरचना होती है जिसे प्लेसेण्टा कहते
हैं। यह माँ से भ्रूण को ग्लूकोज, ऑक्सीजन एवं
अन्य पदार्थों की आपूर्ति माँ के रक्त से करता है।
प्रश्न 38.जनन क्यों
आवश्यक है ?
उत्तर- जनन के
कारण जीवन की निरंतरता बनी रहती है। जनन में जीव लगभग अपने जैसे जीवों को जन्म
देता है। इस कारण उस स्पीशीज की जनसंख्या बढ़ती जाती है। अनुकूल विभिन्नताओं का एक
पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक संवहन जनन द्वारा ही सम्भव है। जनन का विकास में भी
योगदान है। जनन किसी स्पीशीज की समष्टि का संरक्षण कर उसके स्थायित्व में सहायक
है। से करता है। उक्त कारणों के कारण ही जनन आवश्यक है।
प्रश्न 40. आनुवंशिकता
क्या है
उत्तर -आनुवंशिकता
– “जीवधारियों में
पीढ़ी -दर-पीढ़ी विभिन्न लक्षणों का संचरण आनुवंशिकता कहलाता है तथा ये लक्षण
आनुवंशिक लक्षण कहलाते हैं।”
प्रश्न 41. मेण्डल ने
अपने प्रयोग के लिए मटर के पौधे का चयन क्यों किया ? कोई दो कारण
लिखिए।
उत्तर- मेण्डल ने
अपने प्रयोग के लिए मटर के पौधे का चयन इसलिए किया क्योंकि-
(1) मटर का पौधा
उभयलिंगी एवं स्वपरागित, आसानी से
उगने वाला वार्षिक पौधा है जिसका जीवन काल बहुत कम है।
(2) इसमें
विरोधाभाषी बहुत से प्रगुण पाये जाते हैं तथा इनमें आसानी से कृत्रिम परागण किया
जा सकता है।
प्रश्न 47 . गोलीय दर्पण
के वक्रता केन्द्र की परिभाषा लिखिए।
उत्तर- गोलीय
दर्पण का वक्रता केन्द्र – “गोलीय दर्पण
का परावर्तक पृष्ठ जिस गोले का भाग होता है, उस गोले के केन्द्र को गोलीय दर्पण का
वक्रता केन्द्र कहते हैं।”
प्रश्न 48. गोलीय दर्पण
की फोकस दूरी को परिभाषित कीजिए।
उत्तर-गोलीय दर्पण
की फोकस दूरी-“गोलीय दर्पण
के फोकस की उसके ध्रुव से दूरी उस गोलीय दर्पण की फोकस दूरी कहलाती है।”
इसे f से व्यक्त
करते हैं।
प्रश्न 49. गोलीय दर्पण
की वक्रता त्रिज्या को परिभाषित कीजिए
उत्तर- गोलीय दर्पण
की वक्रता त्रिज्या – “गोलीय दर्पण
जिस गोलीय कोश का भाग होता है, उस गोलीय
कोश की त्रिज्या को गोलीय दर्पण की वक्रता त्रिज्या कहते हैं।” इसे ‘R’ से व्यक्त करते है।
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