Friday, October 24, 2025

राजनीतिक विज्ञान का अर्थ तथा क्षेत्र

 राजनीतिक विज्ञान का अर्थ तथा क्षेत्र

(Meaning and Scope of Political Science – Class 12 NIOS)


1. राजनीतिक विज्ञान का अर्थ (Meaning of Political Science)

‘राजनीतिक विज्ञान’ दो शब्दों से बना है —
राजनीति + विज्ञान

  • ‘राजनीति’ का अर्थ है – राज्य, सरकार, सत्ता, संविधान और नागरिकों के बीच संबंधों का अध्ययन।

  • ‘विज्ञान’ का अर्थ है – व्यवस्थित, प्रमाणिक और सत्यापन योग्य ज्ञान।

 राजनीतिक विज्ञान वह विज्ञान है जो राज्य, सरकार, संविधान, राजनीतिक संस्थाओं, अधिकारों व कर्तव्यों का व्यवस्थित अध्ययन करता है।


🔹 राजनीतिक विज्ञान का सार (Essence of Political Science):

राजनीतिक विज्ञान हमें यह समझने में मदद करता है कि —

  • राज्य कैसे बनता है?

  • सरकार कैसे कार्य करती है?

  • संविधान क्यों आवश्यक है?

  • नागरिकों के अधिकार और कर्तव्य क्या हैं?

  • समाज में न्याय, समानता और स्वतंत्रता कैसे स्थापित की जाती है?

इसलिए राजनीतिक विज्ञान को “राज्य का विज्ञान (Science of the State)” कहा जाता है।


2. राजनीतिक विज्ञान की परिभाषाएँ (Definitions of Political Science)

(1) अरस्तू (Aristotle):
“राजनीतिक विज्ञान राज्य का विज्ञान है।”
उन्होंने राजनीतिक विज्ञान को ‘सर्वोच्च विज्ञान’ (Master Science) कहा, क्योंकि यह अन्य सभी सामाजिक विज्ञानों को दिशा देता है।

(2) गेटेल (Gettell):
“राजनीतिक विज्ञान राज्य और सरकार के अध्ययन का विज्ञान है।”

(3) गार्नियर (Garnier):
“राजनीतिक विज्ञान उस ज्ञान का नाम है जो राज्य की उत्पत्ति, स्वरूप, उद्देश्य तथा कार्यों का अध्ययन करता है।”

(4) पॉल जनेट (Paul Janet):
“राजनीतिक विज्ञान राज्य के शासन से संबंधित नियमों और सिद्धांतों का अध्ययन करता है।”

सरल शब्दों में:
राजनीतिक विज्ञान वह विषय है जो राज्य, शासन, संविधान और नागरिक जीवन से संबंधित सभी पहलुओं का अध्ययन करता है।


3. राजनीतिक विज्ञान का क्षेत्र (Scope of Political Science)

राजनीतिक विज्ञान का क्षेत्र बहुत व्यापक है।
यह केवल सरकार या संविधान तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज, अर्थव्यवस्था, कानून और नागरिकों से भी जुड़ा है।

इसे निम्नलिखित भागों में विभाजित किया जा सकता है 

(A) राज्य का अध्ययन (Study of the State)

राज्य राजनीतिक विज्ञान का सबसे मुख्य विषय है।
राज्य चार तत्वों से मिलकर बना होता है —

  1. जनसंख्या (Population) – राज्य के नागरिक।

  2. क्षेत्र (Territory) – राज्य की सीमाएँ।

  3. सरकार (Government) – जो कानून बनाती और लागू करती है।

  4. संप्रभुता (Sovereignty) – सर्वोच्च शक्ति जो किसी के अधीन नहीं होती।

राजनीतिक विज्ञान राज्य की उत्पत्ति (Origin), स्वरूप (Nature), उद्देश्य (Purpose) और कार्यों (Functions) का अध्ययन करता है।


 (B) सरकार और संविधान का अध्ययन (Study of Government & Constitution)

राजनीतिक विज्ञान सरकार की सभी शाखाओं और संस्थाओं का अध्ययन करता है —

  1. विधायिका (Legislature) – कानून बनाती है।

  2. कार्यपालिका (Executive) – कानूनों को लागू करती है।

  3. न्यायपालिका (Judiciary) – कानूनों की व्याख्या करती है और न्याय प्रदान करती है।

इसके साथ-साथ संविधान का अध्ययन भी किया जाता है —

  • संविधान की प्रस्तावना

  • मौलिक अधिकार और कर्तव्य

  • राज्य के नीति निर्देशक तत्व

  • संघीय ढाँचा और केंद्र-राज्य संबंध

 (C) राजनीतिक संस्थाएँ (Political Institutions)

राजनीतिक विज्ञान निम्न संस्थाओं का भी अध्ययन करता है:

  • संसद (Parliament)

  • मंत्रिमंडल (Cabinet)

  • राजनीतिक दल (Political Parties)

  • चुनाव आयोग (Election Commission)

  • प्रेस और मीडिया की भूमिका

  • न्यायपालिका की स्वतंत्रता

 (D) नागरिकों के अधिकार और कर्तव्य (Rights and Duties of Citizens)

राजनीतिक विज्ञान नागरिक जीवन से गहराई से जुड़ा है।
यह नागरिकों को सिखाता है —

  • मौलिक अधिकार (Fundamental Rights)

  • मौलिक कर्तव्य (Fundamental Duties)

  • लोकतांत्रिक भागीदारी (Voting, Elections)

  • समानता, स्वतंत्रता और न्याय के सिद्धांत

 यह विषय नागरिकों को जिम्मेदार और जागरूक नागरिक बनने की प्रेरणा देता है।

(E) राजनीतिक विचारधाराएँ (Political Ideologies)

राजनीतिक विज्ञान में विभिन्न विचारधाराओं का अध्ययन किया जाता है, जैसे —

  1. लोकतंत्र (Democracy)

  2. राजतंत्र (Monarchy)

  3. समाजवाद (Socialism)

  4. साम्यवाद (Communism)

  5. उदारवाद (Liberalism)

  6. राष्ट्रवाद (Nationalism)

इन विचारधाराओं के अध्ययन से हमें यह समझ मिलती है कि विभिन्न देश किस प्रकार शासन करते हैं और नागरिकों की भूमिका क्या होती है।

4. राजनीतिक विज्ञान की उपयोगिता (Importance of Political Science)

  1. अच्छा नागरिक बनाता है:
    यह हमें हमारे अधिकार और कर्तव्य सिखाता है।

  2. लोकतंत्र को मजबूत बनाता है:
    राजनीतिक विज्ञान नागरिकों को मतदान और शासन में भाग लेने के लिए प्रेरित करता है।

  3. राजनीतिक जागरूकता बढ़ाता है:
    नागरिकों को सरकार की नीतियों और निर्णयों की समझ देता है।

  4. न्याय और समानता की भावना विकसित करता है:
    समाज में शांति, सहयोग और भाईचारा स्थापित करता है।

  5. संगठित समाज बनाता है:
    यह बताता है कि कानून और शासन कैसे समाज को व्यवस्थित रखते हैं।

5. निष्कर्ष (Conclusion)

राजनीतिक विज्ञान मानव जीवन का एक अत्यंत महत्वपूर्ण विषय है।
यह केवल शासन की प्रक्रिया नहीं बताता, बल्कि यह सिखाता है कि —

  • नागरिकों को अपने अधिकारों की रक्षा कैसे करनी चाहिए,

  • कर्तव्यों का पालन कैसे करना चाहिए,

  • और समाज में न्याय, समानता व स्वतंत्रता कैसे बनाए रखनी चाहिए।

इसलिए राजनीतिक विज्ञान को “नागरिक जीवन का मार्गदर्शक विज्ञान” कहा जा सकता है।

पाठांत प्रश्नों के उत्तर

अध्याय : राजनीति विज्ञान का अर्थ तथा क्षेत्र

प्रश्न 1. राजनीति विज्ञान का अर्थ बताइए।

उत्तर:
राजनीति विज्ञान वह शास्त्र है जो राज्य, शासन, सत्ता और नागरिकों के संबंधों का अध्ययन करता है।
इसमें यह समझा जाता है कि राज्य कैसे बनता है, शासन कैसे चलता है, और नागरिकों के अधिकार तथा कर्तव्य क्या हैं।
सरल शब्दों में — राजनीति विज्ञान वह विद्या है जो राज्य के संगठन, कार्य, उद्देश्य और नीतियों का अध्ययन करती है।

प्रश्न 2. राजनीति विज्ञान के एक विषय के रूप में विकास पर टिप्पणी लिखिए।

उत्तर:
राजनीति विज्ञान का विकास प्राचीन यूनान में हुआ।

  • अरस्तू को राजनीति विज्ञान का जनक कहा जाता है।

  • आरंभ में इसे राज्य की कला (Art of State) माना जाता था।

  • बाद में इसे एक वैज्ञानिक विषय के रूप में विकसित किया गया।

  • आधुनिक काल में राजनीति विज्ञान में संविधान, शासन, प्रशासन, अंतरराष्ट्रीय संबंध, लोकतंत्र आदि विषयों को भी शामिल किया गया।
     इसलिए आज राजनीति विज्ञान एक विस्तृत और व्यावहारिक विज्ञान बन गया है।

प्रश्न 3. राजनीति विज्ञान के कार्य-क्षेत्र को राज्य की भूमिका तथा सरकार के कार्यों के संदर्भ में वर्णन कीजिए।

उत्तर:
राजनीति विज्ञान का कार्य-क्षेत्र बहुत व्यापक है। इसमें राज्य के सभी अंगों और कार्यों का अध्ययन किया जाता है —

  1. राज्य का गठन और स्वरूप

  2. सरकार के प्रकार और उनकी कार्यप्रणाली

  3. नागरिकों के अधिकार और कर्तव्य

  4. संविधान और कानून

  5. अंतरराष्ट्रीय संबंध और संगठन
     इस प्रकार राजनीति विज्ञान राज्य और सरकार दोनों के कार्यों का अध्ययन करता है।

प्रश्न 4. राजनीति विज्ञान और राजनीति में अंतर स्पष्ट कीजिए।

आधार राजनीति विज्ञान राजनीति
1. परिभाषा यह राज्य और शासन का वैज्ञानिक अध्ययन है। यह राज्य में सत्ता प्राप्त करने और उपयोग करने की कला है।
2. प्रकृति सैद्धांतिक और अध्ययनपरक व्यवहारिक और क्रियात्मक
3. उद्देश्य राज्य के सिद्धांतों का ज्ञान देना शासन या सत्ता प्राप्त करना
4. स्वरूप ज्ञान का क्षेत्र क्रिया का क्षेत्र

संक्षेप में: राजनीति विज्ञान सिद्धांत है, जबकि राजनीति उसका व्यवहारिक रूप है।

प्रश्न 5. व्यक्ति के अधिकारों एवं कर्तव्यों के ऊपर टिप्पणी लिखिए।

उत्तर:
राज्य और व्यक्ति के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए अधिकार और कर्तव्य दोनों आवश्यक हैं।

  • अधिकार: व्यक्ति की स्वतंत्रता और विकास के लिए आवश्यक हैं, जैसे — अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, समानता, जीवन का अधिकार आदि।

  • कर्तव्य: नागरिकों को राष्ट्र और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभानी होती है, जैसे — संविधान का पालन, कर देना, राष्ट्रीय एकता बनाए रखना।
     अधिकार और कर्तव्य एक-दूसरे के पूरक हैं।

प्रश्न 6. स्वतंत्रता के नकारात्मक एवं सकारात्मक पक्षों को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर:
स्वतंत्रता के दो पक्ष होते हैं —

  1. नकारात्मक पक्ष:

    • इसका अर्थ है — किसी भी प्रकार की बाहरी बाधा का अभाव।

    • व्यक्ति को बिना रोक-टोक अपनी इच्छा से कार्य करने की स्वतंत्रता हो।

    • उदाहरण: दमन, बंधन या अत्याचार से मुक्ति।

  2. सकारात्मक पक्ष:

    • इसका अर्थ है — अपनी योग्यता और इच्छाओं का पूर्ण विकास करना।

    • व्यक्ति को अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए अवसर और साधन मिलना।
       इस प्रकार वास्तविक स्वतंत्रता में दोनों पक्षों का संतुलन आवश्यक है।

प्रश्न 7. अवसर की समानता का क्या अर्थ है?

उत्तर:
अवसर की समानता का अर्थ है कि समाज में प्रत्येक व्यक्ति को सफलता प्राप्त करने और अपनी योग्यता दिखाने का समान अवसर मिले

  • किसी को जाति, धर्म, लिंग या आर्थिक स्थिति के आधार पर भेदभाव न किया जाए।

  • सभी को शिक्षा, रोजगार और विकास के समान अवसर मिलें।
     यही एक न्यायपूर्ण और लोकतांत्रिक समाज की पहचान है।

प्रश्न 8. न्याय शब्द की व्याख्या कीजिए तथा इसके विभिन्न पक्षों पर प्रकाश डालिए।

उत्तर:
न्याय का अर्थ है — समाज में सभी के साथ समानता, निष्पक्षता और उचित व्यवहार करना।

न्याय के मुख्य पक्ष:

  1. सामाजिक न्याय: समाज के सभी वर्गों को समान अवसर देना।

  2. आर्थिक न्याय: सभी को आर्थिक संसाधनों में उचित भागीदारी देना।

  3. राजनीतिक न्याय: सभी को राजनीतिक अधिकारों में समानता देना।

  4. कानूनी न्याय: सभी को कानून के समक्ष समानता प्रदान करना।

 इस प्रकार न्याय एक ऐसा सिद्धांत है जो समाज में समानता, स्वतंत्रता और बंधुत्व को संतुलित करता है।



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