अध्याय 2 – भारत का भौगोलिक परिवेश और प्रागैतिहासिक सभ्यताएँ
(भारत का भूगोल, पर्यावरण और प्रारंभिक मानव सभ्यता)
भूमिका (Introduction)
किसी भी देश का इतिहास उसके भूगोल और पर्यावरण से गहराई से जुड़ा होता है।
यदि हमें किसी देश के भौगोलिक स्वरूप की जानकारी न हो, तो हम उसके इतिहास को पूरी तरह समझ नहीं सकते।
भारत एक विशाल और विविधता से भरा हुआ देश है। यहाँ पर्वत, नदियाँ, मैदान, पठार, रेगिस्तान, समुद्र तट और घने वन—सभी प्रकार की भौगोलिक संरचनाएँ पाई जाती हैं। इन प्राकृतिक विशेषताओं ने भारत की सभ्यता, संस्कृति, जीवनशैली, वस्त्र, भोजन, भाषा और धर्म पर गहरा प्रभाव डाला है।
भारत का यह भौगोलिक वैविध्य ही कारण है कि यहाँ प्राचीन काल से विभिन्न सभ्यताएँ, राजनैतिक राज्य और धार्मिक परंपराएँ विकसित हुईं।
भारत का हर क्षेत्र अपनी विशिष्टता रखता है — कहीं ठंडा हिमालयी इलाका है, तो कहीं गर्म रेगिस्तान; कहीं हराभरा मैदान है, तो कहीं चट्टानी पठार।
🌍 भारत का भौगोलिक विभाजन
भौगोलिक दृष्टि से भारत को मुख्यतः तीन प्रमुख क्षेत्रों में बाँटा गया है:
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हिमालयी क्षेत्र (Himalayan Region)
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उत्तर भारत का मैदान क्षेत्र (Northern Plains)
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दक्षिण भारत या प्रायद्वीपीय क्षेत्र (Peninsular India)
इनके अतिरिक्त दो अन्य क्षेत्र कभी-कभी अलग से भी माने जाते हैं —
(4) मरुस्थलीय क्षेत्र (Desert Region)
(5) तटीय और द्वीपीय क्षेत्र (Coastal and Island Region)
अब इन्हें विस्तार से समझिए
1. हिमालयी क्षेत्र (The Himalayan Region)
हिमालय पर्वतमाला विश्व की सबसे ऊँची पर्वत श्रृंखला है, जो भारत की उत्तरी सीमा पर लगभग 2,400 किमी तक फैली हुई है।
"हिमालय" शब्द संस्कृत के दो शब्दों से बना है — “हिम” (बर्फ) + “आलय” (घर) यानी “बर्फ का घर”।
🔹 मुख्य विशेषताएँ:
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यह भारत को तिब्बत और चीन से अलग करता है।
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यह पर्वतमाला भारत की रक्षा के साथ-साथ जलवायु को भी संतुलित रखती है।
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यह भारत की नदियों का स्रोत है (गंगा, यमुना, सिंधु, ब्रह्मपुत्र आदि)।
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यहाँ घने वन, दुर्लभ वनस्पतियाँ, जड़ी-बूटियाँ और खनिज मिलते हैं।
🔹 हिमालय के तीन मुख्य भाग:
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हिमाद्रि (Greater Himalaya):
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सबसे ऊँचा भाग; यहाँ की औसत ऊँचाई 6000 मीटर से अधिक है।
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प्रमुख शिखर: माउंट एवरेस्ट, कंचनजंघा, धौलागिरी।
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नदियों के उद्गम स्थल यहीं स्थित हैं (गंगोत्री, यमुनोत्री आदि)।
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हिमाचल (Lesser Himalaya):
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औसत ऊँचाई 3500–4500 मीटर।
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सुंदर घाटियाँ जैसे — कश्मीर, कुल्लू, कांगड़ा, शिमला।
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यहाँ कई तीर्थस्थान और पर्यटन स्थल हैं।
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शिवालिक (Outer Himalaya):
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सबसे निचला भाग; ऊँचाई 900–1200 मीटर।
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इसके नीचे तराई और भाबर क्षेत्र है — जहाँ घने वन और वन्य जीव मिलते हैं।
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🔹 महत्त्व:
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प्राकृतिक रक्षा कवच के रूप में कार्य करता है।
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जलवायु को ठंडा और संतुलित रखता है।
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नदियों, वनों और जड़ी-बूटियों का स्रोत है।
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पर्यटन, पशुपालन और जलविद्युत उत्पादन के लिए उपयोगी।
2. उत्तर भारत का मैदान क्षेत्र (Northern Plains)
हिमालय से निकलने वाली नदियों द्वारा लाए गए जलोढ़ अवसाद से बना यह मैदान अत्यंत उपजाऊ है।
यह पश्चिम में पंजाब से लेकर पूर्व में बंगाल की खाड़ी तक फैला हुआ है।
🔹 मुख्य विशेषताएँ:
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भारत का सबसे उपजाऊ क्षेत्र, “अनाज का भंडार” कहलाता है।
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प्रमुख नदियाँ: गंगा, यमुना, घाघरा, सोन, ब्रह्मपुत्र आदि।
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इस क्षेत्र की मिट्टी जलोढ़ (Alluvial) है, जो फसल उत्पादन के लिए आदर्श है।
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यहाँ घनी जनसंख्या और बड़े नगर हैं — दिल्ली, लखनऊ, पटना, वाराणसी, कोलकाता आदि।
🔹 महत्त्व:
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कृषि, उद्योग, व्यापार और परिवहन का केंद्र।
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नदियाँ सिंचाई और व्यापार के साधन हैं।
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यहाँ की समृद्ध भूमि ने अनेक सभ्यताओं (जैसे गंगा घाटी की सभ्यता) को जन्म दिया।
3. प्रायद्वीपीय भारत (Peninsular India)
यह भारत का सबसे प्राचीन भूभाग है और त्रिकोणीय आकार में दक्षिण की ओर विस्तृत है।
इसके तीनों ओर समुद्र है —
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पश्चिम में अरब सागर,
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पूर्व में बंगाल की खाड़ी,
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दक्षिण में हिंद महासागर।
🔹 मुख्य विशेषताएँ:
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मुख्यतः दक्कन पठार से निर्मित।
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नदियाँ प्रायः पूर्व की ओर बहती हैं — गोदावरी, कृष्णा, कावेरी।
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पश्चिम की ओर बहने वाली नदियाँ — नर्मदा, तापी।
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प्रमुख पर्वत: विंध्याचल, सतपुड़ा, नीलगिरि, पश्चिमी और पूर्वी घाट।
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यह क्षेत्र खनिज संपदा, वन और जलविद्युत के लिए प्रसिद्ध है।
🔹 महत्त्व:
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लौह अयस्क, कोयला, सोना, बॉक्साइट जैसे खनिजों से भरपूर।
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दक्षिण भारत की द्रविड़ सभ्यता और भाषाओं का उद्गम स्थल।
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कपास, चाय, मसाले और नारियल की खेती यहाँ की विशेषता है।
4. मरुस्थलीय क्षेत्र (Desert Region)
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यह क्षेत्र पश्चिमी भारत में राजस्थान के उत्तर-पश्चिम भाग में स्थित है।
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मुख्य मरुस्थल: थार मरुस्थल।
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यहाँ वर्षा बहुत कम (10 से 40 सेमी प्रतिवर्ष) होती है।
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नदियाँ शुष्क हैं — लूनी प्रमुख नदी है।
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यहाँ ऊँट, बकरी और भेड़ पालन प्रमुख व्यवसाय हैं।
5. तटीय और द्वीपीय क्षेत्र (Coastal & Island Region)
भारत के तटीय क्षेत्र दो भागों में विभाजित हैं:
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पश्चिमी तट (Arabian Sea Coast) — कच्छ, कोंकण, मलाबार।
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पूर्वी तट (Bay of Bengal Coast) — कोरोमंडल और उत्तरी तटीय मैदान।
मुख्य द्वीप समूह:
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अंडमान और निकोबार (पूर्व में)
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लक्षद्वीप (पश्चिम में)
महत्त्व:
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बंदरगाह और नौवहन के लिए उपयुक्त।
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मछली पकड़ना और समुद्री व्यापार का प्रमुख केंद्र।
भारत की प्रागैतिहासिक सभ्यताएँ (Prehistoric Civilizations)
प्रागैतिहासिक काल वह समय है जब मनुष्य ने लिखना नहीं सीखा था, और उसकी जानकारी पुरातात्त्विक अवशेषों से मिलती है।
1. पाषाण युग (Stone Age)
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यह काल सबसे प्राचीन है।
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मनुष्य शिकार, फल-संग्रह और गुफा निवास करता था।
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पत्थर के औजारों का प्रयोग करता था।
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आग की खोज इसी काल में हुई।
2. मध्य पाषाण युग (Mesolithic Age)
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इस युग में औजार छोटे और नुकीले हो गए।
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जानवरों को पालतू बनाया गया।
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छोटी बस्तियाँ बसने लगीं।
3. नवपाषाण युग (Neolithic Age)
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मनुष्य ने खेती शुरू की।
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पशुपालन, बर्तन बनाना और वस्त्र धारण करना सीखा।
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स्थायी घरों का निर्माण प्रारंभ हुआ।
4. धातु युग (Metal Age)
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तांबा, कांसा, लोहा जैसी धातुओं का प्रयोग।
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इसी युग में नगर सभ्यताएँ विकसित हुईं —
हड़प्पा, मोहनजोदड़ो, लोथल, कालीबंगन आदि।
1. भारत का भौगोलिक परिवेश इतिहास के अध्ययन में क्यों आवश्यक है?
उत्तर:
क्योंकि किसी भी सभ्यता का विकास उसके प्राकृतिक परिवेश के अनुरूप होता है।
भारत के पर्वत, नदियाँ, जलवायु और मिट्टी ने यहाँ की सभ्यता, संस्कृति, कृषि और व्यापार को आकार दिया है।
2. भारत को किन-किन भौगोलिक भागों में बाँटा गया है?
उत्तर:
भारत को तीन मुख्य भागों में बाँटा गया है —
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हिमालयी क्षेत्र
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उत्तर भारत का मैदान क्षेत्र
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दक्षिण भारत या प्रायद्वीपीय क्षेत्र
3. हिमालय की भौगोलिक एवं ऐतिहासिक महत्ता क्या है?
उत्तर:
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यह भारत की प्राकृतिक सीमा और सुरक्षा कवच है।
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जलवायु को नियंत्रित करता है।
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नदियों का स्रोत है।
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यहाँ के वनों और औषधियों ने भारतीय जीवन पर गहरा प्रभाव डाला है।
4. उत्तर भारत के मैदान की विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
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उपजाऊ जलोढ़ मिट्टी
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कृषि के लिए अनुकूल वातावरण
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घनी जनसंख्या
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प्रमुख नगरों का विकास
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नदियों द्वारा व्यापार और परिवहन की सुविधा
5. प्रायद्वीपीय भारत का आर्थिक और ऐतिहासिक महत्त्व क्या है?
उत्तर:
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यह खनिज संपदा से भरपूर है।
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यहाँ की नदियाँ जलविद्युत उत्पादन के लिए उपयुक्त हैं।
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दक्षिण भारत की द्रविड़ सभ्यता का केंद्र रहा है।
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यहाँ मसाले, कपास, और चाय की खेती प्रमुख है।
6. प्रागैतिहासिक सभ्यताओं की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
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मनुष्य शिकार और फल-संग्रह करता था।
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आग और औजारों का प्रयोग सीखा।
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खेती और पशुपालन की शुरुआत की।
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धातुओं का प्रयोग करके नगर सभ्यताएँ विकसित कीं।
संक्षिप्त प्रश्न (Short Questions)
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भारत के तीन प्रमुख भौगोलिक क्षेत्र कौन से हैं?
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“हिमालय” शब्द का अर्थ क्या है?
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उत्तर भारत के मैदान की मिट्टी किस प्रकार की है?
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प्रायद्वीपीय भारत में कौन-कौन सी नदियाँ बहती हैं?
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प्रागैतिहासिक काल में मनुष्य की जीवनशैली कैसी थी?
📝 बहुविकल्पी प्रश्न (MCQs)
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हिमालय शब्द का अर्थ है —
(a) पर्वतों का देश
(b) बर्फ का घर ✅
(c) नदियों का उद्गम
(d) जल का स्रोत -
उत्तर भारत के मैदान को क्या कहा जाता है?
(a) भारत का हृदय
(b) भारत का अनाज का भंडार ✅
(c) भारत का पठार
(d) भारत का मरुस्थल -
प्रागैतिहासिक काल की सबसे प्रमुख सभ्यता कौन-सी थी?
(a) आर्य सभ्यता
(b) हड़प्पा सभ्यता ✅
(c) मौर्य सभ्यता
(d) गुप्त सभ्यता
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