Friday, November 14, 2025

अन्तर्जात बल Notes class 12


अन्तर्जात बल (Endogenic Forces)

1. अध्याय का परिचय

पृथ्वी एक ठोस गोला दिखाई देती है, लेकिन वास्तव में इसका अंदरूनी भाग अत्यंत जटिल, गतिशील और क्रियाशील है। पृथ्वी के केंद्र में बहुत अधिक तापमान और दाब है, जो पिघले हुए पदार्थ (मैग्मा) के रूप में निरंतर गतिशील रहता है। पृथ्वी की सतह पर जो पर्वत, पठार, घाटियाँ, ज्वालामुखी, भ्रंश, दरारें, रिफ्ट घाटियाँ, भूकंप आदि दिखाई देते हैं, वे सभी पृथ्वी के आंतरिक बलों के परिणाम हैं।

ये आंतरिक बल हमेशा सक्रिय रहते हैं। मनुष्य भले ही आराम से बैठे हों, लेकिन पृथ्वी की सतह हर क्षण धीमी या तेज़ गतिविधियों का अनुभव करती रहती है।

अन्तर्जात बल पृथ्वी के आंतरिक भाग में स्थित ऊर्जा, ताप और दाब से उत्पन्न होते हैं। ये बल कभी शांत रूप से कार्य करते हैं, तो कभी अत्यंत विनाशकारी रूप ले लेते हैं।

2. अन्तर्जात बलों का अर्थ

अन्तर्जात बल वे बल हैं जो पृथ्वी के अंदर की गहराइयों में उत्पन्न होते हैं और पृथ्वी की सतह को ऊपर उठाते, नीचे गिराते, मोड़ते, तोड़ते, फाड़ते, फैलाते या संकुचित करते हैं।

ये बल—

  • आंतरिक तापमान

  • रेडियोधर्मी विघटन

  • मैटल में संवहन धाराओं

  • कोर के ताप और दाब

  • पृथ्वी के घूर्णन
    इन सभी के कारण उत्पन्न होते हैं।

अन्तर्जात बल पृथ्वी के सतही स्वरूप को आकार देने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यदि ये बल न होते, तो पृथ्वी एक समतल सतह होती, जिस पर न पर्वत होते, न घाटियाँ, न ज्वालामुखी।

3. पृथ्वी की आंतरिक संरचना और अन्तर्जात बलों का संबंध

पृथ्वी की रचना तीन मुख्य भागों में होती है—

  1. भू-पर्पटी (Crust)

  2. मृदा-आवरण / मैंटल (Mantle)

  3. गर्भ / कोर (Core)

नीचे के दो भाग (मैंटल और कोर) अत्यधिक गर्म हैं। इनके उच्च तापमान के कारण—

  • चट्टानों में पिघलन

  • संवहन प्रवाह

  • गैसें व द्रवों का दाब

  • प्लेटों का खिसकना

  • आन्तरिक हलचल

जैसी घटनाएँ होती हैं।

इन्हीं के कारण अन्तर्जात बलों की उत्पत्ति होती है।

4. अन्तर्जात बलों के स्रोत

पृथ्वी के केंद्र का उच्च तापमान

पृथ्वी के केंद्र में तापमान 4500°C से 6000°C के बीच माना जाता है।
यह तापमान चट्टानों को पिघला देता है और मैग्मा को अत्यंत सक्रिय बनाता है।

इस तापमान से—

  • चट्टानें फैलती हैं

  • मैग्मा ऊपर उठता है

  • दाब बढ़ता है

  • ऊर्जा एकत्रित होती है

और यह ऊर्जा पृथ्वी की सतह को बदलने लगती है।

रेडियोधर्मी तत्वों का विघटन

पृथ्वी के भीतर यूरेनियम, थोरियम और पोटेशियम—40 जैसे रेडियोधर्मी पदार्थ मौजूद हैं।
इनके विघटन से निरंतर ऊष्मा उत्पन्न होती है।

यह ऊष्मा मैग्मा की गतिशीलता को और अधिक बढ़ाती है।

मैटल में संवहन धाराएँ (Convection Currents)

यह सम्पूर्ण अध्याय की सबसे महत्वपूर्ण अवधारणा है।

  • गर्म मैग्मा हल्का होने के कारण ऊपर उठता है।

  • ठंडा मैग्मा भारी होने के कारण नीचे जाता है।

इस ऊपर–नीचे होने की प्रक्रिया से बड़ी लहरें या धाराएँ बनती हैं, जिन्हें संवहन धाराएँ कहते हैं।

इन्हीं के कारण—

  • प्लेटें खिसकती हैं

  • महाद्वीप अलग होते हैं

  • पर्वत बनते हैं

  • ज्वालामुखी व भूकंप होते हैं

5. अन्तर्जात बलों का वर्गीकरण 

अन्तर्जात बलों को दो श्रेणियों में बाँटा गया है—

1. रचनात्मक बल (Constructive Forces)

ये बल पृथ्वी पर नई आकृतियों का निर्माण करते हैं।

  • पर्वत निर्माण (Orogeny)

  • पठारों का निर्माण

  • नए द्वीपों का निर्माण

  • ज्वालामुखीय पर्वत

  • समुद्र तल का उत्थान

ये बल पृथ्वी को “ऊपर की ओर” उठाते हैं।

 2. विनाशात्मक बल (Destructive Forces)

ये बल पृथ्वी की सतह को तोड़ते, फाड़ते और नष्ट करते हैं।

  • भूकंप

  • दरारें

  • भ्रंश

  • भूस्खलन

  • क्षैतिज व उर्ध्वाधर टूटन

ये बल पृथ्वी की सतह को “नीचे की ओर” धँसाते हैं या फाड़ते हैं।

6. अन्तर्जात बलों के प्रमुख भू–आकृतिक परिणाम 

 1. पर्वत निर्माण (Orogeny)

जब दो प्लेटें एक-दूसरे से टकराती हैं, तो इनके बीच की चट्टानें मुड़ती, सिकुड़ती और ऊपर उठती हैं।
यह प्रक्रिया लाखों वर्षों में अत्यंत विशाल पर्वत श्रृंखलाएँ बनाती है।

जैसे—

  • हिमालय

  • ऐल्प्स

  • एंडीज

  • रॉकी

प्लेटों के आपस में धँसने (Subduction) या टकराने (Collision) से पर्वत बनते हैं।

2. भ्रंश (Faults)

जब चट्टानों में तनाव इतना बढ़ जाए कि वे टूट जाएँ, तो भ्रंश बनते हैं।

भ्रंश के तीन प्रमुख प्रकार—

  • नॉर्मल फॉल्ट – खिंचाव से

  • रिवर्स फॉल्ट – दाब से

  • लैटरल फॉल्ट – क्षैतिज तनाव से

भूकंप अक्सर इन्हीं फॉल्ट लाइनों पर होते हैं।

3. रिफ्ट घाटियाँ (Rift Valleys)

जब पृथ्वी की सतह दो दिशाओं में खिंचती है, तो बीच का भाग नीचे धँस जाता है।
इससे लंबी और गहरी घाटी बनती है जिसे रिफ्ट घाटी कहते हैं।

उदाहरण—

  • नर्मदा रिफ्ट घाटी

  • अफ्रीकी रिफ्ट घाटी

 4. ज्वालामुखी (Volcanoes)

मैग्मा के दाब के कारण सतह में दरारें बनती हैं और मैग्मा बाहर निकल आता है।
इसके परिणाम—

  • नई मिट्टी

  • नए द्वीप

  • पर्वतीय शृंखलाएँ

  • उपजाऊ भूमि

  • विनाश भी

हवाई द्वीपसमूह इसी प्रकार बने हैं।

 5. भूकंप (Earthquake)

जब पृथ्वी के भीतर संग्रहीत ऊर्जा अचानक मुक्त होती है तो भूकंप आता है।
सबसे अधिक भूकंप प्लेट सीमाओं पर आते हैं।

भूकंप के कारण—

  • प्लेटों का टकराव

  • फॉल्ट लाइन का फिसलना

  • ज्वालामुखीय विस्फोट

  • मैग्मा का दबाव

7. प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत 

यह पृथ्वी की संरचना समझने का आधुनिक और वैज्ञानिक सिद्धांत है।

सिद्धांत के अनुसार—

  • पृथ्वी की सतह बड़ी-बड़ी प्लेटों से बनी है।

  • ये प्लेटें मैटल की संवहन धाराओं पर तैरती हैं।

  • ये आपस में टकराती, अलग होती या सरकती रहती हैं।

प्लेट सीमाओं पर ही अधिकतम भूगर्भीय गतिविधियाँ होती हैं।

प्लेटों के 3 प्रकार के सीमा क्षेत्र

  1. विचलन क्षेत्र (Divergent) – प्लेटें अलग होती हैं

  2. संगम क्षेत्र (Convergent) – प्लेटें टकराती हैं

  3. परिवर्तन क्षेत्र (Transform) – प्लेटें एक-दूसरे के समानांतर सरकती हैं

बड़ी घटनाएँ इन्हीं के कारण होती हैं—

  • हिमालय बना (Convergent)

  • अफ्रीका रिफ्ट बना (Divergent)

  • कैलिफ़ोर्निया में भूकंप (Transform)

8. महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धांत

अल्फ्रेड वेगेनर ने बताया—

  • 200 मिलियन वर्ष पहले पृथ्वी पर केवल एक महाद्वीप था: पैंजिया

  • और एक विशाल महासागर: पैंथालसा

  • बाद में पैंजिया टूटकर छोटे–छोटे महाद्वीपों में विभाजित हो गया

  • वे अलग-अलग दिशाओं में खिसकते हुए आज के रूप में आए

इसका प्रमाण—

  • महाद्वीपों की आकृति (जैसे दक्षिण अमेरिका–अफ्रीका)

  • जीवाश्म

  • चट्टानों की समानता

  • बर्फीले अवशेष

9. अध्याय का समन्वित सार 

अन्तर्जात बल पृथ्वी की “आंतरिक मशीनरी” है।
ये पृथ्वी की सतह को निरंतर बदलते रहते हैं।
कभी ये शांत रहते हैं और धीरे-धीरे सतह को परिवर्तित करते हैं।
कभी अचानक सक्रिय हो जाते हैं—जिससे भूकंप, ज्वालामुखी और विनाशकारी घटनाएँ होती हैं।

यदि ये बल न होते, तो पृथ्वी का स्वरूप बिल्कुल सपाट होता।
जीवन का विकास, वनस्पति, जलवायु—सब कुछ अलग होता।
इसलिए ये बल प्राकृतिक संतुलन के लिए अत्यंत आवश्यक हैं।

ज़रूर! नीचे NIOS Class 12 – अध्याय: अन्तर्जात बल से 10 MCQs और 10 महत्वपूर्ण प्रश्न–उत्तर दिए गए हैं।
ये परीक्षा में आने योग्य और पूरे अध्याय को कवर करने वाले हैं।

1. अन्तर्जात बल किसके कारण उत्पन्न होते हैं?

A. सूर्य की उष्मा
B. पृथ्वी के आंतरिक ताप एवं दाब
C. समुद्र की लहरें
D. पवन
उत्तर: B


2. पृथ्वी का कौन-सा भाग सबसे अधिक गर्म होता है?

A. भू-पर्पटी
B. मेंटल
C. बाह्य कोर
D. आंतरिक कोर
उत्तर: D


3. मैटल में ऊपर–नीचे होने वाली धारा क्या कहलाती है?

A. वायु धाराएँ
B. संवहन धाराएँ
C. समुद्री धाराएँ
D. तापीय धाराएँ
उत्तर: B


4. पर्वत निर्माण किसका परिणाम है?

A. अपक्षय
B. प्लेटों का टकराव
C. अपवाह
D. अपरदन
उत्तर: B


5. नॉर्मल फॉल्ट किस प्रकार के तनाव से बनता है?

A. संपीड़न
B. खिंचाव
C. सर्पण
D. ज्वालामुखीय दबाव
उत्तर: B


6. रिफ्ट घाटी का निर्माण किसके कारण होता है?

A. प्लेटों का टकराव
B. प्लेटों का दूर खिसकना
C. ज्वालामुखी विस्फोट
D. हिमनद
उत्तर: B


7. भूकंप सर्वाधिक कहाँ आते हैं?

A. नदियों के किनारे
B. पठारों में
C. प्लेट सीमाओं पर
D. रेगिस्तान में
उत्तर: C


8. ज्वालामुखी से निकलने वाला पिघला पदार्थ क्या है?

A. लावा
B. रेत
C. चॉक
D. बर्फ
उत्तर: A


9. पैंजिया किसका नाम है?

A. एक महाद्वीप
B. पर्वत
C. महासागर
D. ज्वालामुखी
उत्तर: A


10. प्लेट विवर्तनिकी किस पर आधारित है?

A. पृथ्वी स्थिर है
B. प्लेटें स्थिर हैं
C. पृथ्वी की प्लेटें गतिशील हैं
D. पृथ्वी गोलाकार नहीं है
उत्तर: C

1. अन्तर्जात बल क्या हैं?

उत्तर:
वे बल जो पृथ्वी के अंदर उच्च तापमान, दाब और ऊर्जा के कारण उत्पन्न होते हैं और पृथ्वी की सतह को ऊपर उठाते, नीचे गिराते, तोड़ते या मोड़ते हैं, अन्तर्जात बल कहलाते हैं।

2. अन्तर्जात बलों के दो मुख्य प्रकार बताइए।

उत्तर:

  1. रचनात्मक बल – जो नई भू-आकृतियों का निर्माण करते हैं।

  2. विनाशात्मक बल – जो भ्रंश, दरारें और भूकंप जैसी घटनाएँ उत्पन्न करते हैं।

3. संवहन धाराएँ क्या होती हैं?

उत्तर:
मैटल में गर्म मैग्मा के ऊपर उठने और ठंडे मैग्मा के नीचे जाने से बनने वाली धारा को संवहन धारा कहते हैं।
इन्हीं के कारण पृथ्वी की प्लेटें गतिशील रहती हैं।

4. पर्वत निर्माण कैसे होता है?

उत्तर:
जब दो प्लेटें आपस में टकराती हैं, तो उनके बीच की चट्टानें मुड़ती, सिकुड़ती और ऊपर उठती हैं। इस प्रक्रिया को ऑरोजेनी कहते हैं, जिससे पर्वत बनते हैं, जैसे—हिमालय।

5. भ्रंश (Fault) क्या है?

उत्तर:
चट्टान पर अत्यधिक तनाव पड़ने पर उसका टूटना एवं एक-दूसरे के सापेक्ष खिसक जाना भ्रंश कहलाता है।
उदाहरण—नॉर्मल, रिवर्स और लैटरल फॉल्ट।

6. रिफ्ट घाटी क्या है? उदाहरण दीजिए।

उत्तर:
जब पृथ्वी की सतह दो दिशाओं में खिंचती है और बीच का भाग नीचे धँस जाता है, तो रिफ्ट घाटी बनती है।
उदाहरण—नर्मदा रिफ्ट घाटी।

7. भूकंप क्यों आते हैं?

उत्तर:
जब पृथ्वी के भीतर संग्रहीत ऊर्जा अचानक मुक्त हो जाती है या फॉल्ट लाइन पर प्लेटें फिसलती हैं, तो भूकंप आता है।
अधिकतर भूकंप प्लेट सीमाओं पर होते हैं।

8. ज्वालामुखी के क्या कारण हैं?

उत्तर:
पृथ्वी के अंदर मैग्मा का अधिक दाब बनना और सतह में दरारें उत्पन्न होना ज्वालामुखी का कारण है।
लावा बाहर निकलकर नई भू-आकृतियाँ बनाता है।

9. महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धांत किसने दिया और उसका मुख्य कथन क्या है?

उत्तर:
यह सिद्धांत वेगेनर ने दिया।
मुख्य कथन: सभी महाद्वीप कभी एक ही विशाल महाद्वीप पैंजिया का हिस्सा थे, बाद में वे अलग-अलग दिशाओं में खिसक गए।

10. प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत क्या है?

उत्तर:
इस सिद्धांत के अनुसार पृथ्वी की सतह बड़ी-छोटी ठोस प्लेटों से बनी है।
ये प्लेटें मैटल की संवहन धाराओं पर तैरती हैं और निरंतर गति करती रहती हैं।
इन्हीं की हलचल से भूकंप, ज्वालामुखी और पर्वत निर्माण होता है।


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