अध्याय : जनपद से साम्राज्य की ओर
1. भूमिका (Introduction)
प्राचीन भारतीय इतिहास में जनपद से साम्राज्य की ओर की प्रक्रिया राजनीतिक विकास का सबसे महत्वपूर्ण चरण मानी जाती है। प्रारंभिक वैदिक काल में लोग जनजातियों के रूप में रहते थे, परंतु उत्तर वैदिक काल में जब लोगों ने स्थायी कृषि अपनाई, तो छोटे-छोटे क्षेत्रीय राज्य अस्तित्व में आए जिन्हें जनपद कहा गया। समय के साथ राजनीतिक प्रतिस्पर्धा, आर्थिक विकास, युद्ध और कुशल नेतृत्व के कारण ये जनपद शक्तिशाली बनकर महाजनपद बने और अंततः विशाल साम्राज्यों का उदय हुआ।
2. वैदिक काल से जनपदों तक की यात्रा
(क) प्रारंभिक वैदिक काल
समाज मुख्यतः पशुपालक था।
लोग जनजातियों (आर्य, भरत, पुरु) में रहते थे।
स्थायी राज्य व्यवस्था नहीं थी।
सभा और समिति जैसी संस्थाएँ थीं।
(ख) उत्तर वैदिक काल
कृषि का विकास हुआ।
लोहे के औजारों का प्रयोग बढ़ा।
स्थायी निवास की प्रवृत्ति शुरू हुई।
क्षेत्र विशेष पर अधिकार की भावना विकसित हुई, जिससे जनपद बने।
3. जनपद : अर्थ, स्वरूप और विशेषताएँ
(क) जनपद का अर्थ
जनपद = जन (लोग) + पद (पैर जमाना / निवास स्थान)
अर्थात वह क्षेत्र जहाँ कोई जनजाति स्थायी रूप से बस गई हो।
(ख) जनपदों की विशेषताएँ
सीमित भू-भाग
राजा या मुखिया द्वारा शासन
कृषि और पशुपालन मुख्य पेशा
कर प्रणाली सरल और सीमित
छोटी सेना
ग्राम प्रशासन का प्रभुत्व
4. महाजनपदों का उदय (6वीं शताब्दी ई.पू.)
6वीं शताब्दी ई.पू. तक अनेक जनपद आपस में संघर्ष करते हुए शक्तिशाली बने और महाजनपद कहलाए। बौद्ध ग्रंथ अंगुत्तर निकाय में 16 महाजनपदों का वर्णन मिलता है।
16 महाजनपदों की सूची:
अंग, मगध, काशी, कोसल, वज्जि, मल्ल, चेदि, वत्स, कुरु, पांचाल, मत्स्य, शूरसेन, अश्मक, अवंती, गांधार, कम्बोज
5. महाजनपदों की शासन व्यवस्था
(क) राजतंत्रात्मक महाजनपद
राजा सर्वोच्च शासक होता था।
उत्तराधिकार प्रायः वंशानुगत होता था।
उदाहरण : मगध, कोसल, अवंती, वत्स
(ख) गणतंत्रात्मक महाजनपद
सत्ता एक परिषद (सभा) के हाथों में होती थी।
निर्णय सामूहिक रूप से लिए जाते थे।
उदाहरण : वज्जि संघ, मल्ल, शक्य
6. महाजनपदों के उदय के कारण
कृषि का विस्तार और अतिरिक्त उत्पादन
लोहे के हथियार और औजार
कर वसूली की नियमित व्यवस्था
व्यापारिक मार्गों का विकास
नगरों का उदय और शहरीकरण
राजनीतिक महत्वाकांक्षा और युद्ध
7. मगध का उत्कर्ष (Rise of Magadha)
मगध सबसे शक्तिशाली महाजनपद बनकर उभरा और आगे चलकर साम्राज्य की नींव बना।
मगध की भौगोलिक स्थिति
गंगा, सोन और गंडक नदियों की उपजाऊ घाटी
प्राकृतिक सुरक्षा (पहाड़, नदियाँ)
मगध के उत्कर्ष के कारण
लौह अयस्क की उपलब्धता
हाथियों की प्रचुरता
मजबूत और स्थायी सेना
कुशल एवं महत्वाकांक्षी शासक
8. मगध के प्रमुख शासक
(क) बिंबिसार (हर्यक वंश)
वैवाहिक संबंधों द्वारा विस्तार
राजगृह राजधानी
प्रशासनिक सुधार
(ख) अजातशत्रु
काशी पर अधिकार
वज्जि संघ का विनाश
पाटलिपुत्र को सुदृढ़ किया
(ग) शिशुनाग और नंद वंश
अवंती का विलय
महापद्म नंद द्वारा विशाल साम्राज्य की स्थापना
9. नंद वंश का महत्व
अत्यंत शक्तिशाली और समृद्ध राज्य
विशाल स्थायी सेना
कठोर कर व्यवस्था
साम्राज्य विस्तार की नींव
10. मौर्य साम्राज्य का उदय
(क) चंद्रगुप्त मौर्य
चाणक्य (कौटिल्य) का मार्गदर्शन
नंद वंश का अंत
सेल्यूकस से संधि
(ख) मौर्य साम्राज्य का विस्तार
उत्तर-पश्चिम से बंगाल तक
दक्कन तक प्रभाव
11. मौर्य प्रशासन की विशेषताएँ
केंद्रीकृत प्रशासन
प्रांत, आहार और ग्राम व्यवस्था
अमात्य और महामात्र
जासूसी तंत्र
कर व्यवस्था
12. अशोक महान और साम्राज्य का नैतिक स्वरूप
(क) कलिंग युद्ध (261 ई.पू.)
भारी जनहानि
अशोक का हृदय परिवर्तन
(ख) धम्म नीति
अहिंसा
धार्मिक सहिष्णुता
प्रजा कल्याण
13. साम्राज्य की अवधारणा और विशेषताएँ
विशाल भू-भाग
एक केंद्रीय सत्ता
संगठित प्रशासन
स्थायी सेना
आर्थिक एकीकरण
कानून व्यवस्था
14. जनपद से साम्राज्य में परिवर्तन के प्रमुख कारण
कृषि अधिशेष
व्यापार और मुद्रा का विकास
लोहे का व्यापक प्रयोग
राजनीतिक संघर्ष
योग्य नेतृत्व
15. परीक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण बिंदु
16 महाजनपदों की सूची
मगध के उत्कर्ष के कारण
गणराज्य और राजतंत्र का अंतर
मौर्य प्रशासन
16. निष्कर्ष (Conclusion)
जनपद से साम्राज्य की ओर की यात्रा भारतीय इतिहास में राजनीतिक परिपक्वता का प्रतीक है। इस प्रक्रिया ने भारत को छोटे-छोटे कबीलों से एक संगठित और शक्तिशाली साम्राज्यात्मक व्यवस्था तक पहुँचाया, जिसकी सर्वोच्च अभिव्यक्ति मौर्य साम्राज्य में दिखाई देती है |
अध्याय : जनपद से साम्राज्य की ओर
प्रश्न 1. जनपद से साम्राज्य की ओर की यात्रा का विस्तृत वर्णन कीजिए।
उत्तर: वैदिक काल में समाज जनजातीय था और लोग पशुपालन पर निर्भर थे। उत्तर वैदिक काल में कृषि का विकास हुआ, लोहे के औजारों का प्रयोग बढ़ा और लोग स्थायी रूप से बसने लगे। इससे छोटे-छोटे क्षेत्रीय राज्य बने जिन्हें जनपद कहा गया। समय के साथ कृषि अधिशेष, व्यापार, राजनीतिक प्रतिस्पर्धा और युद्धों के कारण कुछ जनपद शक्तिशाली बन गए और महाजनपद कहलाए। मगध सबसे शक्तिशाली महाजनपद के रूप में उभरा। नंद वंश और मौर्य वंश के शासन में मगध एक विशाल साम्राज्य में परिवर्तित हुआ। इस प्रकार जनपद से साम्राज्य की ओर की यात्रा पूर्ण हुई।
प्रश्न 2. महाजनपदों के उदय के कारणों का वर्णन कीजिए।
उत्तर: महाजनपदों के उदय के प्रमुख कारण थे—(1) कृषि का विस्तार और अधिशेष उत्पादन, (2) लोहे के हथियारों और औजारों का प्रयोग, (3) व्यापार और शहरीकरण का विकास, (4) कर व्यवस्था की मजबूती, (5) राजनीतिक महत्वाकांक्षा और निरंतर युद्ध। इन कारणों से कुछ जनपद शक्तिशाली बनकर महाजनपद बने।
प्रश्न 3. मगध के उत्कर्ष के कारणों का विस्तृत वर्णन कीजिए।
उत्तर: मगध के उत्कर्ष के अनेक कारण थे। इसकी भौगोलिक स्थिति अत्यंत अनुकूल थी क्योंकि यह गंगा घाटी में स्थित था। यहाँ उपजाऊ भूमि और पर्याप्त जल संसाधन थे। लौह अयस्क की उपलब्धता से मजबूत हथियार बनाए गए। हाथियों की प्रचुरता ने सैन्य शक्ति बढ़ाई। बिंबिसार, अजातशत्रु और महापद्म नंद जैसे कुशल शासकों ने विस्तारवादी नीति अपनाई। इन सभी कारणों से मगध शक्तिशाली बना।
प्रश्न 4. मौर्य साम्राज्य के उदय और विस्तार का वर्णन कीजिए।
उत्तर: मौर्य साम्राज्य की स्थापना चंद्रगुप्त मौर्य ने चाणक्य के मार्गदर्शन में की। उसने नंद वंश को समाप्त कर मगध पर अधिकार किया। बाद में सेल्यूकस से संधि कर उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों को अपने अधीन किया। बिंदुसार और अशोक के शासन में साम्राज्य का और विस्तार हुआ। अशोक के समय मौर्य साम्राज्य अपने चरम पर था।
प्रश्न 5. मौर्य प्रशासन की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर: मौर्य प्रशासन अत्यंत संगठित और केंद्रीकृत था। सम्राट सर्वोच्च अधिकारी होता था। साम्राज्य को प्रांतों में बाँटा गया था। कर व्यवस्था सुदृढ़ थी। जासूसी तंत्र विकसित था। कानून और न्याय व्यवस्था प्रभावी थी। प्रशासन का मुख्य उद्देश्य प्रजा कल्याण था।
प्रश्न 6. अशोक की धम्म नीति का वर्णन कीजिए।
उत्तर: कलिंग युद्ध के बाद अशोक ने हिंसा का त्याग कर धम्म नीति अपनाई। धम्म का उद्देश्य नैतिक जीवन, अहिंसा, धार्मिक सहिष्णुता और प्रजा कल्याण था। अशोक ने धम्म का प्रचार शिलालेखों और स्तंभ लेखों के माध्यम से किया। यह नीति साम्राज्य की एकता को मजबूत करने में सहायक रही।
प्रश्न 7. नंद वंश की उपलब्धियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर: नंद वंश ने मगध को अत्यंत शक्तिशाली बनाया। महापद्म नंद ने विशाल स्थायी सेना का निर्माण किया। कर व्यवस्था को सुदृढ़ किया गया। नंद वंश ने साम्राज्य विस्तार की नींव रखी, जिस पर आगे मौर्य साम्राज्य खड़ा हुआ।
प्रश्न 8. राजतंत्र और गणतंत्र में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: राजतंत्र में राजा सर्वोच्च शासक होता था और शासन वंशानुगत होता था। गणतंत्र में सत्ता परिषद या सभा के हाथों में होती थी और निर्णय सामूहिक रूप से लिए जाते थे। मगध राजतंत्र का और वज्जि संघ गणतंत्र का उदाहरण है।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 9. जनपद क्या थे?
उत्तर: जनपद वे छोटे क्षेत्रीय राज्य थे जहाँ कोई जनजाति स्थायी रूप से बस गई थी। इनका शासन राजा या मुखिया करता था।
प्रश्न 10. गणराज्य से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: गणराज्य वह शासन व्यवस्था थी जिसमें सत्ता राजा के स्थान पर परिषद के हाथों में होती थी। निर्णय सामूहिक रूप से लिए जाते थे
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