अध्याय 9 : आपातकालीन प्रावधान (Emergency Provisions)
1. भूमिका
भारतीय संविधान सामान्य परिस्थितियों के लिए बनाया गया है, लेकिन कभी‑कभी देश में ऐसी गंभीर परिस्थितियाँ उत्पन्न हो जाती हैं जिनमें सामान्य कानून और शासन व्यवस्था से काम नहीं चल पाता। उदाहरण के लिए – युद्ध, बाहरी हमला, देश के भीतर विद्रोह, राज्य सरकार का पूरी तरह असफल हो जाना या देश की आर्थिक स्थिति का बहुत खराब हो जाना।
ऐसी असाधारण परिस्थितियों से निपटने के लिए संविधान ने केंद्र सरकार को कुछ विशेष और अस्थायी शक्तियाँ दी हैं। इन्हीं शक्तियों और व्यवस्थाओं को आपातकालीन प्रावधान कहा जाता है। इनका मुख्य उद्देश्य देश की सुरक्षा, एकता, अखंडता और संविधान की रक्षा करना है।
2. आपातकालीन प्रावधानों की आवश्यकता क्यों पड़ी?
भारत एक बहुत बड़ा और विविधताओं वाला देश है। यहाँ अलग‑अलग भाषा, धर्म, संस्कृति और क्षेत्र हैं। स्वतंत्रता के बाद भारत को कई कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ा जैसे –
देश का विभाजन
सीमा विवाद
युद्ध और आक्रमण
आंतरिक अशांति
आर्थिक समस्याएँ
संविधान निर्माताओं को यह डर था कि यदि कभी देश या राज्य पर गंभीर संकट आ गया तो सामान्य शासन व्यवस्था कमजोर पड़ सकती है। इसलिए उन्होंने यह आवश्यक समझा कि ऐसी स्थिति में केंद्र सरकार मजबूत होकर देश को संभाल सके।
3. आपातकाल के प्रकार
भारतीय संविधान में तीन प्रकार के आपातकाल का प्रावधान किया गया है –
राष्ट्रीय आपातकाल – अनुच्छेद 352
राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता (राष्ट्रपति शासन) – अनुच्छेद 356
वित्तीय आपातकाल – अनुच्छेद 360
4. राष्ट्रीय आपातकाल (अनुच्छेद 352)
(क) राष्ट्रीय आपातकाल क्या है?
जब पूरे देश या देश के किसी भाग की सुरक्षा को गंभीर खतरा उत्पन्न हो जाए, तब राष्ट्रपति राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा करता है।
(ख) राष्ट्रीय आपातकाल लगाने के कारण
राष्ट्रीय आपातकाल निम्न स्थितियों में लगाया जा सकता है –
युद्ध
बाहरी आक्रमण
सशस्त्र विद्रोह
(ग) घोषणा कैसे होती है?
राष्ट्रपति यह घोषणा प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद की लिखित सलाह पर करता है।
राष्ट्रपति अपनी इच्छा से आपातकाल नहीं लगा सकता।
(घ) संसद की स्वीकृति
आपातकाल की घोषणा को 1 महीने के भीतर संसद की मंजूरी आवश्यक होती है।
मंजूरी मिलने के बाद यह 6 महीने तक लागू रहता है।
आवश्यकता होने पर इसे बार‑बार 6‑6 महीने के लिए बढ़ाया जा सकता है।
(ङ) राष्ट्रीय आपातकाल का प्रभाव
केंद्र सरकार बहुत शक्तिशाली हो जाती है।
राज्यों की शक्तियाँ कम हो जाती हैं।
संसद राज्य सूची के विषयों पर भी कानून बना सकती है।
नागरिकों के मौलिक अधिकार (विशेषकर अनुच्छेद 19) स्थगित किए जा सकते हैं।
(च) भारत में राष्ट्रीय आपातकाल के उदाहरण
1962 – चीन युद्ध
1971 – भारत‑पाक युद्ध
1975 – आंतरिक अशांति
5. राष्ट्रपति शासन / राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता (अनुच्छेद 356)
(क) अर्थ
जब किसी राज्य में सरकार संविधान के अनुसार काम करने में असफल हो जाती है, तब राष्ट्रपति उस राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करता है।
(ख) राष्ट्रपति शासन लगाने के कारण
राज्य सरकार का बहुमत खो जाना
राजनीतिक अस्थिरता
संविधान का उल्लंघन
कानून‑व्यवस्था पूरी तरह बिगड़ जाना
(ग) राष्ट्रपति शासन के प्रभाव
राज्य की मंत्रिपरिषद भंग कर दी जाती है।
मुख्यमंत्री पद से हटा दिया जाता है।
राज्यपाल राष्ट्रपति की ओर से शासन करता है।
विधानसभा भंग या स्थगित कर दी जाती है।
(घ) अवधि
प्रारंभ में 6 महीने
अधिकतम 3 वर्ष (विशेष परिस्थितियों में)
6. वित्तीय आपातकाल (अनुच्छेद 360)
(क) वित्तीय आपातकाल क्या है?
जब देश की आर्थिक स्थिति इतनी खराब हो जाए कि सरकार खर्च चलाने में असमर्थ हो जाए, तब वित्तीय आपातकाल लगाया जाता है।
(ख) प्रभाव
केंद्र सरकार राज्यों के बजट पर नियंत्रण कर सकती है।
सरकारी कर्मचारियों के वेतन में कटौती की जा सकती है।
राज्यों को केंद्र के निर्देश मानने होते हैं।
(ग) महत्वपूर्ण तथ्य
अब तक भारत में कभी भी वित्तीय आपातकाल लागू नहीं किया गया है।
7. आपातकालीन प्रावधानों का महत्व
देश की सुरक्षा और एकता की रक्षा
संकट के समय त्वरित निर्णय
संविधान और लोकतंत्र को बचाना
8. आलोचना
केंद्र सरकार बहुत शक्तिशाली हो जाती है
राज्यों की स्वायत्तता प्रभावित होती है
नागरिक स्वतंत्रताओं पर रोक लग सकती है
9. निष्कर्ष (परीक्षा के लिए)
आपातकालीन प्रावधान संविधान का एक आवश्यक भाग हैं। इनका उद्देश्य तानाशाही नहीं, बल्कि देश को असाधारण परिस्थितियों से सुरक्षित निकालना है। यदि इनका प्रयोग सही तरीके से किया जाए तो ये राष्ट्र के हित में होते हैं
अति लघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer – 1 Mark)
प्रश्न 1. आपातकालीन प्रावधान क्या हैं?
उत्तर: आपातकालीन प्रावधान संविधान की वे विशेष व्यवस्थाएँ हैं, जो असामान्य परिस्थितियों में लागू की जाती हैं।
प्रश्न 2. राष्ट्रीय आपातकाल किस अनुच्छेद में वर्णित है?
उत्तर: राष्ट्रीय आपातकाल अनुच्छेद 352 में वर्णित है।
प्रश्न 3. भारत में आपातकाल के कितने प्रकार हैं?
उत्तर: भारत में आपातकाल के तीन प्रकार हैं।
प्रश्न 4. राष्ट्रपति शासन किस अनुच्छेद के अंतर्गत लगाया जाता है?
उत्तर: राष्ट्रपति शासन अनुच्छेद 356 के अंतर्गत लगाया जाता है।
प्रश्न 5. वित्तीय आपातकाल किस अनुच्छेद में दिया गया है?
उत्तर: वित्तीय आपातकाल अनुच्छेद 360 में दिया गया है।
लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer – 3 Marks)
प्रश्न 6. राष्ट्रीय आपातकाल किन परिस्थितियों में लगाया जाता है?
उत्तर: राष्ट्रीय आपातकाल युद्ध की स्थिति में लगाया जा सकता है।
यह बाहरी आक्रमण की स्थिति में भी लगाया जा सकता है।
यह सशस्त्र विद्रोह की स्थिति में भी लगाया जा सकता है।
प्रश्न 7. राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा कौन करता है?
उत्तर: राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा राष्ट्रपति करता है।
राष्ट्रपति यह घोषणा मंत्रिपरिषद की लिखित सलाह पर करता है।
प्रश्न 8. राष्ट्रपति शासन से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: राष्ट्रपति शासन राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता को दर्शाता है।
इसमें राज्य सरकार भंग कर दी जाती है।
राज्य का शासन राष्ट्रपति के नियंत्रण में आ जाता है।
प्रश्न 9. राष्ट्रपति शासन के दो प्रभाव लिखिए।
उत्तर: राज्य की मंत्रिपरिषद भंग कर दी जाती है।
राज्यपाल राष्ट्रपति के प्रतिनिधि के रूप में शासन करता है।
प्रश्न 10. वित्तीय आपातकाल का उद्देश्य क्या है?
उत्तर: वित्तीय आपातकाल का उद्देश्य देश की आर्थिक स्थिरता की रक्षा करना है।
इसका उद्देश्य देश की साख को बनाए रखना है।
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