Tuesday, November 25, 2025

वैदिक काल


1. वैदिक काल का अर्थ

  • ‘वेद’ से संबंधित काल को वैदिक काल कहा जाता है।

  • यह भारतीय इतिहास का प्राचीनतम लिखित काल है, जिसमें आर्यों के आगमन से लेकर महाजनपद युग तक की स्थितियाँ मिलती हैं।

2. वैदिक साहित्य

वैदिक साहित्य चार प्रमुख वेदों पर आधारित है—

(1) ऋग्वेद

  • सबसे पुराना वेद

  • 10 मंडल, 1028 सूक्त

  • देवताओं की स्तुतियाँ—इन्द्र, अग्नि, वरुण, सोम

  • आर्यों का सबसे प्राचीन जीवन इसी से ज्ञात होता है।

(2) सामवेद

  • संगीत का वेद

  • ऋग्वैदिक मंत्रों को गान शैली में प्रस्तुत किया गया है।

(3) यजुर्वेद

  • यज्ञ व अनुष्ठान संबंधी निर्देश

  • दो प्रकार—कृष्ण (काला) और शुक्ल (सफेद) यजुर्वेद

(4) अथर्ववेद

  • जादू-टोना, रोग-निवारण, घरेलू जीवन, सामाजिक व्यवस्था

  • सामान्य जनजीवन का प्रतिबिंब

अन्य ग्रंथ

  • ब्राह्मण – यज्ञ विधि

  • आरण्यक – वन में अध्ययन हेतु

  • उपनिषद – दार्शनिक विचार (आत्मा-परमात्मा, ब्रह्म, मोक्ष)

3. वैदिक काल का काल विभाजन

(A) प्रारंभिक वैदिक काल (1500–1000 ई.पू.) – ऋग्वैदिक युग

विशेषताएँ:

  • आर्य पंजाब व सरस्वती क्षेत्र में बसे ( सप्त-सिन्दु क्षेत्र )

  • जीवन सरल और ग्रामीण

  • सभा व समिति – दो प्रमुख जनसभाएँ

  • राजा सीमित शक्तियों वाला, अस्वमेध जैसे बड़े यज्ञ नहीं

  • व्यवसाय: कृषि आरंभिक अवस्था में, पशुपालन प्रमुख

  • स्त्रियों का उच्च स्थान – शिक्षा (गर्गी, मैत्रेयी), सभा में भाग

  • सामाजिक व्यवस्था: वर्ण का लचीला स्वरूप, जन्म आधारित नहीं

(B) उत्तर वैदिक काल (1000–600 ई.पू.)

विशेषताएँ:

  • आर्य गंगा-यमुना दोआब में फैल गए

  • कृषि प्रमुख—हल, नहरें, विविध फसलें

  • लौह धातु का प्रयोग

  • राजसत्ता मजबूत—राजा की शक्ति बढ़ी, कर (बली, कर, शुल्क)

  • महायज्ञ—अश्वमेध, राजसूय

  • स्त्रियों का पतन—शिक्षा घटने लगी, उपनयन संस्कार समाप्त

  • वर्ण व्यवस्था जन्म आधारित

  • गोत्र प्रणाली विकसित

  • नगरों और व्यापार का विकास – वैश्य वर्ग उन्नत

4. समाज

वर्ण व्यवस्था

  1. ब्राह्मण – ज्ञान

  2. क्षत्रिय – शासन व सुरक्षा

  3. वैश्य – कृषि, व्यापार

  4. शूद्र – सेवा

परिवार और विवाह

  • पिता प्रधान परिवार

  • बहुपत्नी प्रथा कम थी

  • विवाह के प्रकार—ब्रह्म, दैव, आर्ष, गंधर्व आदि

5. अर्थव्यवस्था

प्रारंभिक वैदिक

  • पशुपालन मुख्य

  • गो=धन

  • सरल कृषि

उत्तर वैदिक

  • हल चलित कृषि

  • धातु उपकरण

  • व्यापार, कर व्यवस्था

  • रूपया-रूपी मुद्रा का प्रारम्भिक प्रयोग

6. धर्म

  • प्रकृति पूजा—अग्नि, इन्द्र, वरुण, मित्र, उषा

  • यज्ञ मुख्य साधन

  • जप, मंत्र, अनुष्ठान

  • उत्तर वैदिक में दार्शनिक विचार—कर्मवाद, आत्मा-परमात्मा, मोक्ष

7. राजनीति

प्रारंभिक वैदिक:

  • राजा का चुनाव संभव

  • सभा (जनसभा) व समिति (कार्यक्षासी)

  • जन, विश (जनजाति)

उत्तर वैदिक:

  • वंशगत राजतंत्र

  • कर प्रणाली

  • सेनापति, ग्रामणी, पुरोहितों का प्रभाव अधिक

  • राज्यों का विस्तार, राजसूय/अश्वमेध

8. शिक्षा

  • गुरुकुल परंपरा

  • वेद, छंद, ज्योतिष, शिल्प, धनुर्वेद

  • शिक्षा निःशुल्क—गुरुदक्षिणा

  • ब्रह्मचर्य का पालन

9. स्त्री की स्थिति

प्रारंभिक वैदिक:

  • उच्च स्थान

  • शिक्षा का अधिकार

  • ऋषिकाएँ—गर्गी, मैत्रेयी

  • संपत्ति पर अधिकार

उत्तर वैदिक:

  • स्थिति कमजोर

  • उपनयन संस्कार समाप्त

  • परदा जैसी प्रथाओं की शुरुआत

10. कला व संस्कृति

  • वैदिक मंत्र साहित्यिक काव्य के श्रेष्ठ उदाहरण

  • संगीत—सामवेद

  • आभूषण, वस्त्र, उत्सव

  • कृषि-आधारित त्यौहार – इंद्रोत्सव, वरुणोत्सव

प्र.1 वैदिक काल को दो भागों में क्यों बाँटा गया है?

उत्तर:
वैदिक काल को प्रारंभिक और उत्तर वैदिक में बाँटा गया क्योंकि दोनों कालों में समाज, अर्थव्यवस्था, धर्म, राजनीति और स्त्री-स्थिति में बड़ा अंतर था।

  • प्रारंभिक वैदिक जीवन सरल, पशुपालन प्रधान और स्त्रियों की स्थिति बेहतर थी।

  • उत्तर वैदिक में कृषि, व्यापार और राजसत्ता विकसित हुई तथा वर्ण व्यवस्था कठोर हो गई।

प्र.2 प्रारंभिक वैदिक समाज में स्त्रियों की स्थिति का वर्णन करें।

उत्तर:

  • स्त्रियों को शिक्षा का अधिकार था।

  • वे सभा/समिति में भाग लेती थीं।

  • गर्गी और मैत्रेयी जैसी विदुषी महिलाएँ थीं।

  • विवाह में स्वतंत्रता, बहुविवाह दुर्लभ।

  • वेद-अध्ययन संभव था।
    → कुल मिलाकर स्त्री-स्थिति सम्मानजनक और उन्नत थी।

प्र.3 उत्तर वैदिक काल में राजा की शक्ति बढ़ने के कारण बताइए।

उत्तर:

  • कृषि और कर व्यवस्था का विकास

  • बड़े-बड़े यज्ञ (राजसूय, अश्वमेध)

  • पुरोहितों का प्रभाव

  • स्थायी सेना

  • क्षेत्रीय विस्तार
    इन कारणों से राजा शक्तिशाली हुआ और राजतंत्र वंशगत बन गया।

प्र.4 वेदों की विशेषताएँ लिखिए।

उत्तर:

  • चार वेद—ऋग्वेद, सामवेद, यजुर्वेद, अथर्ववेद।

  • वेद ज्ञान का सर्वोच्च स्रोत माने गए।

  • ऋग्वेद सबसे प्राचीन।

  • सामवेद—संगीत, यजुर्वेद—यज्ञ, अथर्ववेद—जादू-टोना व सामान्य जीवन।

  • भाषा—वैदिक संस्कृत।

प्र.5 उत्तर वैदिक समाज में वर्ण व्यवस्था कठोर क्यों हो गई?

उत्तर:

  • पुरोहित वर्ग का प्रभाव बढ़ गया।

  • जन्म आधारित वर्ण स्वीकार हो गया।

  • सामाजिक-आर्थिक कार्य स्थिर हो गए।

  • धर्म-ग्रंथों तथा यज्ञ पद्धति में ब्राह्मणों का नियंत्रण बढ़ा।

प्र.6 प्रारंभिक वैदिक और उत्तर वैदिक अर्थव्यवस्था में अंतर लिखिए।

उत्तर:

प्रारंभिक वैदिक उत्तर वैदिक
पशुपालन प्रमुख कृषि-प्रधान
सरल कृषि हल का उपयोग, लोहे के औज़ार
सीमित व्यापार व्यापार, कर
गो-धन मुद्रा का प्रारंभ

प्र.7 ऋग्वेद से प्रारंभिक वैदिक समाज के कौन-कौन से पहलू पता चलते हैं?

उत्तर:

  • देवताओं की पूजा

  • पशुपालन

  • जनसभा-समिति

  • स्त्रियों की शिक्षा

  • ग्रामीण जीवन

  • वर्ण व्यवस्था का लचीलापन

  • परिवार की प्रमुखता

संक्षिप्त प्रश्न

  1. वैदिक काल का मुख्य धर्म क्या था? → प्रकृति पूजा

  2. सप्त-सिंधु क्षेत्र किस युग से संबंधित है? → प्रारंभिक वैदिक

  3. अश्वमेध यज्ञ किस काल में प्रसिद्ध था? → उत्तर वैदिक

  4. ऋषिकाएँ कौन थीं? → मैत्रेयी, गर्गी

  5. कौन-सा वेद ‘गान’ से संबंधित है? → सामवेद


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