मौलिक अधिकार (Fundamental Rights)
1. मौलिक अधिकार का अर्थ (Meaning)
मौलिक अधिकार वे अधिकार हैं जो संविधान के द्वारा हर नागरिक को एक स्वतंत्र, समान और सम्मानजनक जीवन जीने के लिए प्रदान किए गए हैं।
ये अधिकार मानव की गरिमा की रक्षा करते हैं और लोकतंत्र के संचालन के लिए अनिवार्य हैं।
इन अधिकारों को संविधान के भाग–III (Article 12–35) में शामिल किया गया है।
इन्हें Fundamental इसलिए कहा जाता है क्योंकि—
-
इनका उल्लंघन नहीं किया जा सकता,
-
ये न्यायालय द्वारा संरक्षित हैं,
-
और लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए आवश्यक हैं।
2. मौलिक अधिकारों की आवश्यकता (Need for Fundamental Rights)
भारत में विविधता, गरीबी, सामाजिक असमानता, जाति व्यवस्था आदि जैसे कारणों से इन अधिकारों की आवश्यकता महसूस हुई।
ये अधिकार—
-
नागरिकों की स्वतंत्रता की रक्षा करते हैं,
-
भेदभाव को रोकते हैं,
-
सरकार के दुरुपयोग को रोकने का साधन प्रदान करते हैं,
-
और देश को लोकतांत्रिक व समानता आधारित बनाते हैं।
3. मौलिक अधिकारों की प्रमुख विशेषताएँ
-
संवैधानिक गारंटी – संविधान इनकी सुरक्षा करता है।
-
न्यायालय की सहायता उपलब्ध – उल्लंघन होने पर कोर्ट में याचिका दायर की जा सकती है।
-
सभी नागरिकों के लिए – कुछ अधिकार नागरिकों और कुछ नागरिक + गैर-नागरिक दोनों के लिए हैं।
-
प्रतिबंधों के साथ – अधिकार पूर्ण (absolute) नहीं हैं; सामाजिक हित और सुरक्षा के लिए उचित प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं।
-
संशोधन योग्य – संसद इन अधिकारों को संशोधित कर सकती है, लेकिन अधिकारों की मूल भावना से समझौता नहीं कर सकती।
-
मानव गरिमा की रक्षा – ये अधिकार नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता बढ़ाते हैं।
4. भारत के मौलिक अधिकार – विस्तार से (Total Six Rights)
(1) समानता का अधिकार (Right to Equality) – अनुच्छेद 14–18
(a) अनुच्छेद 14 – कानून के सामने समानता
सभी नागरिक कानून के सामने समान हैं।
राज्य किसी व्यक्ति से धर्म, जाति, लिंग, भाषा आदि के आधार पर भेदभाव नहीं कर सकता।
(b) अनुच्छेद 15 – भेदभाव का निषेध
राज्य सार्वजनिक स्थानों, संस्थानों, दुकानों आदि में भेदभाव नहीं करेगा।
लेकिन महिलाओं, बच्चों, अनुसूचित जाति/जनजाति के लिए विशेष प्रावधान किए जा सकते हैं।
(c) अनुच्छेद 16 – रोजगार में समान अवसर
सरकारी नौकरियों में सभी के लिए समान अवसर।
अल्पसंख्यक, SC, ST, OBC के लिए आरक्षण की अनुमति।
(d) अनुच्छेद 17 – अस्पृश्यता का उन्मूलन
-
छुआछूत अपराध है
-
इसके प्रचार, पालन और किसी भी रूप को अपराध घोषित किया गया है
-
दंडनीय अपराध
(e) अनुच्छेद 18 – उपाधियों का उन्मूलन
राज्य किसी को भी "राजा", "नवाब", "सर" प्रकार की उपाधियाँ नहीं देगा।
लेकिन शैक्षणिक डिग्रियाँ, पुरस्कार (भारत रत्न) जारी रहेंगे।
(2) स्वतंत्रता का अधिकार (Right to Freedom) – अनुच्छेद 19–22
(A) अनुच्छेद 19 – 6 मूल स्वतंत्रताएँ
-
वाक और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
-
शांतिपूर्ण सभा की स्वतंत्रता
-
संघ/संगठन बनाने की स्वतंत्रता
-
भारत में कहीं भी घूमने का अधिकार
-
कहीं भी निवास करने का अधिकार
-
किसी भी पेशे/व्यवसाय/उद्योग को अपनाने का अधिकार
(इन सभी पर उचित प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं जैसे सुरक्षा, व्यवस्था, नैतिकता आदि के लिए)
(B) अनुच्छेद 20 – अपराधों में सुरक्षा
-
एक अपराध के लिए दो बार दंड नहीं (Double Jeopardy नहीं)
-
पूर्वव्यापी दंड नहीं
-
आत्म-दोष स्वीकार करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता
(C) अनुच्छेद 21 – जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार
भारत के सबसे महत्वपूर्ण अधिकारों में से एक।
"कानून द्वारा निर्धारित प्रक्रिया" के बिना न तो जीवन छीना जा सकता है, न हिरासत में रखा जा सकता है।
इस अधिकार में शामिल:
-
स्वच्छ पर्यावरण
-
शिक्षा
-
गोपनीयता का अधिकार
-
सुरक्षित जीवन
-
स्वास्थ्य
-
सम्मान के साथ जीवन
(D) अनुच्छेद 21A – शिक्षा का अधिकार
6–14 वर्ष के बच्चों को निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा।
(E) अनुच्छेद 22 – गिरफ्तारी एवं निरुद्धि में सुरक्षा
-
गिरफ्तारी के कारण बताना
-
24 घंटे के भीतर न्यायालय में प्रस्तुत करना
-
वकील लेने का अधिकार
(3) शोषण के विरुद्ध अधिकार – अनुच्छेद 23–24
अनुच्छेद 23 – मानव तस्करी, बंधुआ मजदूरी पर प्रतिबंध
-
मानव तस्करी अपराध
-
बंधुआ मजदूरी (Bonded Labour) प्रतिबंधित
अनुच्छेद 24 – बाल श्रम पर प्रतिबंध
14 वर्ष से कम आयु के बच्चे को
-
कारखानों
-
खानों
-
खतरनाक उद्योगों में
काम पर लगाना प्रतिबंधित।
(4) धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार – अनुच्छेद 25–28
अनुच्छेद 25 – धर्म अपनाने, पालन और प्रचार करने की स्वतंत्रता
अनुच्छेद 26 – धार्मिक संस्थान चलाने का अधिकार
अनुच्छेद 27 – कर का उपयोग धर्म प्रचार के लिए नहीं होगा
अनुच्छेद 28 – धार्मिक शिक्षा पर प्रतिबंध
सरकारी स्कूलों में धार्मिक शिक्षा कम्पल्सरी नहीं।
(5) सांस्कृतिक एवं शैक्षिक अधिकार – अनुच्छेद 29–30
अनुच्छेद 29 – संस्कृति/भाषा की रक्षा
अल्पसंख्यक अपनी भाषा, लिपि, संस्कृति की रक्षा कर सकते हैं।
अनुच्छेद 30 – शैक्षणिक संस्थान स्थापित करने का अधिकार
अल्पसंख्यक
-
अपने स्कूल/कॉलेज
-
अपनी भाषा/संस्कृति के अनुसार
चला सकते हैं।
(6) संवैधानिक उपचार का अधिकार – अनुच्छेद 32
डॉ. अम्बेडकर ने इसे संविधान की “आत्मा” कहा है।
यदि अधिकारों का उल्लंघन हो तो नागरिक कर सकता है:
-
सर्वोच्च न्यायालय में याचिका
-
उच्च न्यायालय में याचिका
न्यायालय पाँच प्रकार की रिट जारी करता है:
-
हैबियस कॉर्पस – अवैध हिरासत से मुक्ति
-
मेंडामस – सार्वजनिक अधिकारी को कर्तव्य पालन के लिए निर्देश
-
सर्टियोरारी – निचली अदालत के आदेश रद्द करना
-
प्रोहिबिशन – न्यायालय को सीमा से बाहर जाने से रोकना
-
क्वो-वॉरंटो – किसी व्यक्ति के पद की वैधता जांचना
5. मौलिक अधिकारों पर प्रतिबंध
हालाँकि ये अधिकार महत्त्वपूर्ण हैं लेकिन पूर्ण (Absolute) नहीं हैं।
प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं:
-
सुरक्षा
-
नैतिकता
-
सार्वजनिक व्यवस्था
-
देश की अखंडता
-
स्वास्थ्य
-
अपराध नियंत्रण
6. मौलिक अधिकारों का महत्व (Importance)
-
नागरिकों को स्वतंत्रता एवं सुरक्षा
-
समानता आधारित समाज
-
सरकार के मनमाने कार्यों पर रोक
-
न्याय और सामाजिक सुरक्षा
-
लोकतंत्र की रक्षा
-
मानव गरिमा का संरक्षण
1. मौलिक अधिकार क्या हैं?
उत्तर:
मौलिक अधिकार वे मूलभूत अधिकार हैं जिन्हें संविधान ने हर नागरिक को दिया है ताकि वे स्वतंत्रता, समानता और सम्मान के साथ जीवन जी सकें। ये संविधान के भाग–III (अनुच्छेद 12–35) में दिए गए हैं और न्यायालय द्वारा संरक्षित हैं।
2. भारतीय संविधान में कितने मौलिक अधिकार हैं? उनके नाम लिखिए।
उत्तर:
भारतीय संविधान में 6 मौलिक अधिकार हैं—
-
समानता का अधिकार
-
स्वतंत्रता का अधिकार
-
शोषण के विरुद्ध अधिकार
-
धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार
-
सांस्कृतिक एवं शैक्षिक अधिकार
-
संवैधानिक उपचार का अधिकार
3. समानता का अधिकार क्या है? (अनु. 14–18)
उत्तर:
समानता का अधिकार नागरिकों को कानून के सामने समानता देता है। इसके अंतर्गत—
-
अनुच्छेद 14: कानून के समक्ष समानता
-
अनुच्छेद 15: भेदभाव का निषेध
-
अनुच्छेद 16: समान अवसर
-
अनुच्छेद 17: अस्पृश्यता का अंत
-
अनुच्छेद 18: उपाधियों का अंत
यह अधिकार सामाजिक न्याय सुनिश्चित करता है।
4. ‘अस्पृश्यता का अंत’ से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
अनुच्छेद 17 के अनुसार अस्पृश्यता को कानूनी अपराध घोषित किया गया है। किसी को भी उसकी जाति के आधार पर छूने-छोड़ने या भेदभाव करने पर सज़ा हो सकती है। इसका उद्देश्य सामाजिक समानता स्थापित करना है।
5. स्वतंत्रता के अधिकार के अंतर्गत कौन-कौन सी स्वतंत्रताएँ आती हैं?
उत्तर:
अनुच्छेद 19 के अंतर्गत 6 स्वतंत्रताएँ हैं—
-
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
-
भाषण की स्वतंत्रता
-
शांतिपूर्ण एवं निर्बाध सभा
-
संघ या संगठन बनाने की स्वतंत्रता
-
देश में घूमने-फिरने की स्वतंत्रता
-
किसी भी व्यवसाय/नौकरी/व्यवसाय करने की स्वतंत्रता
6. ‘संवैधानिक उपचार का अधिकार’ क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर:
अनुच्छेद 32 के अनुसार, यदि किसी नागरिक का कोई मौलिक अधिकार छीना जाता है तो वह सीधे सुप्रीम कोर्ट जा सकता है। डॉ. अम्बेडकर ने इसे “संविधान की आत्मा और हृदय” कहा है।
अदालतें 5 प्रकार की रिट जारी कर सकती हैं: हैबियस कॉर्पस, मेंडेमस, प्रोहिबिशन, सर्टिओरारी और क्वो-वारंटो।
7. शोषण के विरुद्ध अधिकार (अनु. 23–24) क्या है?
उत्तर:
इसके तहत—
-
मनुष्यों की खरीद-फरोख्त, बंधुआ मज़दूरी (अनु. 23) पर प्रतिबंध है
-
14 वर्ष से कम बच्चों को खतरनाक उद्योगों में काम कराना (अनु. 24) अपराध है
8. धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार किसके लिए है? (अनु. 25–28)
उत्तर:
हर नागरिक को—
-
अपनी पसंद का धर्म मानने, प्रचार करने और पालन करने
-
धार्मिक संस्थाएँ चलाने
का अधिकार है।
राज्य किसी व्यक्ति को किसी विशेष धर्म को मानने के लिए बाध्य नहीं कर सकता।
9. सांस्कृतिक एवं शैक्षिक अधिकारों का उद्देश्य क्या है? (अनु. 29–30)
उत्तर:
इन अधिकारों का उद्देश्य अल्पसंख्यकों की भाषा, संस्कृति और शिक्षा की सुरक्षा करना है।
अल्पसंख्यक समुदाय अपने शैक्षिक संस्थान बना सकते हैं और सरकार उन्हें भेदभाव नहीं कर सकती।
10. मौलिक अधिकार और मौलिक कर्तव्यों में अंतर बताइए।
उत्तर:
-
मौलिक अधिकार नागरिकों को स्वतंत्र और समान बनाते हैं, जबकि मौलिक कर्तव्य नागरिकों को राष्ट्र के प्रति दायित्वों की याद दिलाते हैं।
-
अधिकार न्यायालय में लागू कराए जा सकते हैं; कर्तव्य कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं।
Short Answer Type
11. राइट टू एजुकेशन (शिक्षा का अधिकार) क्या है?
RTE 6–14 वर्ष के बच्चों को मुफ्त व अनिवार्य शिक्षा देता है (अनु. 21-A, 2002 संशोधन)।
12. अनुच्छेद 19 पर लगने वाली यथोचित प्रतिबंध (Reasonable Restrictions)
राष्ट्रीय सुरक्षा, नैतिकता, आदर्श, सार्वजनिक व्यवस्था, अदालत की मानहानि, अपराध उकसाने आदि मामलों में सरकार सीमाएँ लगा सकती है।
13. मौलिक अधिकारों की विशेषताएँ
-
सार्वभौमिक,
-
न्यायालय द्वारा संरक्षित,
-
बदले नहीं जा सकते (मूल संरचना सिद्धांत),
-
लोकतंत्र की नींव।
14. मौलिक अधिकारों का महत्व समझाइए।
मौलिक अधिकार लोकतंत्र की आधारशिला हैं। ये नागरिकों को—
-
सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक समानता
-
स्वतंत्र विचार और अभिव्यक्ति
-
शोषण से सुरक्षा
-
धार्मिक स्वतंत्रता
-
शिक्षा एवं संस्कृति की सुरक्षा
-
न्यायिक संरक्षण
प्रदान करते हैं।
ये अधिकार नागरिकों को शासन से संरक्षण देते हैं और भारत को लोकतांत्रिक एवं आधुनिक बनाते हैं।
15. Fundamental Rights और Directive Principles में अंतर लिखिए।
-
Fundamental Rights न्यायालय द्वारा लागू, Directive Principles लागू नहीं।
-
FRs नागरिकों के हित में, DPSPs राज्य के प्रशासन के मार्गदर्शन के लिए।
-
FRs नकारात्मक अधिकार (“ऐसा नहीं करोगे”), DPSPs सकारात्मक (“ऐसा करोगे”
No comments:
Post a Comment