Friday, December 05, 2025

बहिर्जन्‍य बल


अध्याय : बहिर्जन्‍य बल एवं उनके द्वारा निर्मित स्थलरूप

1. भूमिका (Introduction)

पृथ्वी की सतह निरंतर बदलती रहती है। सतह को बदलने वाली शक्तियाँ दो प्रकार की होती हैं—

  1. अंतर्जन्‍य बल (Endogenic Forces) – पृथ्वी के अंदर से आने वाले (जैसे भूकंप, ज्वालामुखी, पर्वतनिर्माण)

  2. बहिर्जन्‍य बल (Exogenic Forces) – पृथ्वी की सतह पर कार्य करने वाले बाहरी बल

यह अध्याय बहिर्जन्‍य बलों और उनसे बनने वाले विविध स्थलरूपों का अध्ययन करता है।

2. बहिर्जन्‍य बल (Exogenic Forces) क्या हैं?

बहिर्जन्‍य बल वे प्रक्रियाएँ हैं जो पृथ्वी की सतह पर वायुमंडल, जल, हिम, हवा और सूर्य की ऊर्जा से उत्पन्न होती हैं।
इनका मुख्य कार्य है—

  • अपक्षय (Weathering)

  • ढालगतिजनन / ढलगमन (Mass Wasting)

  • कटाव (Erosion)

  • निक्षेपण (Deposition)

इन्हीं प्रक्रियाओं से पृथ्वी पर विभिन्न स्थलरूप निर्मित होते हैं।

3. अपक्षय (Weathering)

अपक्षय वह प्रक्रिया है जिसमें चट्टानें अपनी जगह पर ही टूटकर छोटे कणों में बदल जाती हैं, बिना किसी परिवहन के।

अपक्षय के प्रकार

A. भौतिक/यांत्रिक अपक्षय (Mechanical Weathering)

परिवर्तन केवल आकार में होता है, रासायनिक संरचना वही रहती है।

मुख्य प्रक्रियाएँ:

  1. हिम क्रिया (Freeze–Thaw Action)
    दरारों में भरा पानी जमकर फैलता है → चट्टान फटती है।

  2. उष्णता-शीतलन (Exfoliation)
    दिन में गर्मी से फैलाव, रात में ठंड से सिकुड़न → परतें छिलती हैं।

  3. दानेदार विघटन (Granular Disintegration)
    विभिन्न खनिज अपनी–अपनी दर से फैलते/सिकुड़ते हैं → कण अलग हो जाते हैं।

  4. खंडीय विघटन (Block Disintegration)
    बड़े खंडों में टूटना।

B. रासायनिक अपक्षय (Chemical Weathering)

  1. कार्बनीकरण (Carbonation)
    कार्बनिक अम्ल + कैल्सियम कार्बोनेट (चूना पत्थर) → घुलन।
    इससे कार्स्ट स्थलरूप बनते हैं।

  2. ऑक्सीकरण (Oxidation)
    लोहायुक्त चट्टानों में जंग जैसी परत।

  3. हाइड्रेशन (Hydration)
    पानी के अवशोषण से चट्टान फूलकर टूटती है।

  4. हाइड्रोलिसिस (Hydrolysis)
    पानी के रासायनिक क्रिया से खनिज मिट्टी जैसे पदार्थ बनते हैं।

  5. प्रसरण/समाधान (Solution)
    लवण, कैल्साइट आदि पानी में घुल जाते हैं।

C. जैविक अपक्षय (Biological Weathering)

  • पेड़ों की जड़ें दरारों को चौड़ा करती हैं।

  • कीड़े-मकोड़े व बिल बनाने वाले जीव चट्टानें ढीली करते हैं।

  • काई/लाइकेन द्वारा अम्ल निर्माण 

लगतिजनन (Mass Wasting)

यह गुरुत्वाकर्षण द्वारा ढलानों पर मिट्टी/चट्टानों की नीचे की ओर गति है, जिसमें जल या वायु की सक्रिय भूमिका बहुत कम होती है।

ढालगतिजनन के प्रकार

1. धीमी सरकन (Soil Creep)

बहुत धीमी गति से मिट्टी नीचे सरकती है।

2. स्लंपिंग (Slumping)

वक्राकार सतह पर अचानक कई मीटर मिट्टी का खिसकना।

3. भूस्खलन (Landslide)

भारी वर्षा, सड़क कटाई, भूकंप आदि के कारण बड़े भूभाग का अचानक खिसकना।

4. रॉकफॉल (Rockfall)

चट्टान के बड़े-बड़े टुकड़ों का गिरना।

5. कटाव और निक्षेपण (Erosion & Deposition)

कटाव (Erosion)

नदी, वायु, हिम, समुद्री लहरें आदि चट्टानों को घिसती, तोड़ती और दूर ले जाती हैं।
जब उनके वेग/ऊर्जा में कमी आती है, तो यही सामग्री निक्षेपित होकर नए स्थलरूप बनाती है।

6. नदी (River/Fluvial) द्वारा निर्मित स्थलरूप

A. नदी के कटावजन्य स्थलरूप

1. V-आकार की घाटी (V–Shaped Valley)

ऊँचाई वाले क्षेत्रों में नदी का तीव्र कटाव → संकरी और गहरी घाटी।

2. गॉर्ज (Gorge)

बहुत संकरी, सीधी दीवारों वाली गहरी घाटी।

3. कैन्यन (Canyon)

गहरे, चौड़े और खड़ी भित्तियों वाले घाटियाँ।

4. जलप्रपात (Waterfall)

कठोर व नरम चट्टानों के मिलने या ढाल में अचानक परिवर्तन से जल प्रपात बनता है।

5. मेण्डर (Meander)

मैदानी भाग में नदी का मोड़दार बहाव।

B. नदी के निक्षेपजन्य स्थलरूप

1. बाढ़ मैदान (Flood Plain)

लंबे समय तक बार-बार आने वाली बाढ़ द्वारा गाद के निक्षेप से बनते हैं।

2. प्राकृतिक बाँध (Natural Levees)

नदी तटों पर जमा मोटे अवसाद से बने ऊँचे किनारे।

3. डेल्टा

नदी जब समुद्र में गाद जमा करती है, तो त्रिकोणीय भू-भाग बनता है।

4. ऑक्सबो झील (Oxbow Lake)

पुराना मेण्डर कटकर अलग होने से बनी नालीनुमा झील।

5. अभिसारी पंखा (Alluvial Fan)

पहाड़ी से उतरकर नदी तल के पास पंखे के आकार में निक्षेप।

7. वायु (Wind) द्वारा निर्मित स्थलरूप

A. कटावजन्य रूप

1. डीफ्लेशन होल/गर्त (Deflation Hollows)

वायु द्वारा महीन कण उड़ने से बने गड्ढे।

2. यार्डैंग (Yardang)

लंबे, वायुगत धाराओं की दिशा में बने खुरदरे रिज।

3. मशरूम शैल (Mushroom Rock)

नीचे अधिक कटाव होने से ऊपर चौड़ा और नीचे पतला।

B. निक्षेपजन्य रूप

1. रेतीले टीले (Sand Dunes)

  • बारचन

  • अनुप्रस्थ (Transverse)

  • समुद्री तटीय

  • अनुदैर्ध्य (Longitudinal)

2. लोस (Loess)

बहुत महीन, उपजाऊ मृदा; हवा द्वारा दूर ले जाकर जमा की गई।

8. हिमानी (Glacial) स्थलरूप

A. कटावजन्य

1. सर्क/कर (Cirque)

कटोरीनुमा गड्ढा जहाँ हिम जमा होता है।

2. अरेट (Arete)

दो सर्कों के बीच धारदार रिज।

3. हॉर्न (Horn)

तीन या अधिक अरेट मिलने पर पिरामिडनुमा चोटी।

4. U-आकार की घाटी

हिमनद के घसीटने से चौड़ी और गहरी घाटी।

5. लटकती घाटियाँ (Hanging Valleys)

B. निक्षेपजन्य

1. मोरेन (Moraines)

  • पार्श्व

  • मध्य

  • अंतिम

  • आधार

2. ड्रमलिन

नाव के आकार के टीले।

3. एस्कर (Esker)

बर्फ के नीचे बहने वाली नदियों के निक्षेप से बने लंबे टीले।

4. आउटवॉश मैदान

पिघले जल द्वारा ले जाए गए अवसाद।

9. समुद्री (Marine) स्थलरूप

A. कटावजन्य

1. समुद्री चट्टान (Sea Cliff)

लहरों के कटाव से ऊर्ध्वाधर चट्टान।

2. वेव-कट प्लेटफॉर्म

नीचे समतल कटाव से बना फैलाव।

3. समुद्री गुफाएँ (Sea Caves)

कमजोर भागों में कटाव से।

4. मेहराब (Sea Arch)

दो गुफाओं के मिलने से।

5. स्तंभ (Stacks)

मेहराब का गिरना → शेष खंभा।

B. निक्षेपजन्य

1. बीच (Beach)

रेत/कंकड़ का तट।

2. स्पिट (Spit)

रेत की जीभ जैसी आकृति।

3. बार

तट रेखा को बांधने वाला रेतीला अवरोध।

4. टोंबोलो

मुख्य भूमि को द्वीप से जोड़ने वाली रेतीली पट्टी।

10. कार्स्ट (Karst) स्थलरूप – चूना-पत्थर क्षेत्रों में

कटावजन्य रूप

  • डोलाइन/सिंकहोल

  • स्वैलो होल

  • लाइमस्टोन पावमेंट

  • गुफाएँ

निक्षेपजन्य रूप

  • स्टैलेकटाइट (छत से नीचे लटके)

  • स्टैलेग्माइट (जमीन से ऊपर उठे)

  • स्तंभ (Pillar)

11. अध्याय का सार (Summary)

  • बहिर्जन्‍य बल पृथ्वी की सतह को घिसते, काटते और बनाते हैं।

  • प्रमुख प्रक्रियाएँ—अपक्षय, कटाव, ढलगमन, निक्षेपण

  • नदी, वायु, हिमनद और समुद्री लहरें स्थलरूप निर्माण में महत्वपूर्ण हैं।

  • सभी एजेंट कटाव भी करते हैं और स्थलरूप भी बनाते हैं।

12. महत्वपूर्ण प्रश्न–उत्तर 

प्रश्न 1: बहिर्जन्‍य बल क्या हैं? उदाहरण दीजिए।

उत्तर:
वे बल जो पृथ्वी की सतह पर बाहरी माध्यमों (जल, वायु, हिम, सूर्य की ऊर्जा) द्वारा कार्य करते हैं।
उदाहरण: अपक्षय, ढलगमन, कटाव, निक्षेपण।

प्रश्न 2: अपक्षय के प्रकार समझाइए।

  • भौतिक अपक्षय

  • रासायनिक अपक्षय

  • जैविक अपक्षय
    (ऊपर जैसा विवरण लिखें)

प्रश्न 3: नदी द्वारा निर्मित कोई चार निक्षेपजन्य स्थलरूप समझाइए।

  • बाढ़ मैदान

  • डेल्टा

  • ऑक्सबो झील

  • प्राकृतिक बाँध

प्रश्न 4: यार्डैंग एवं मशरूम शैल में अंतर लिखिए।

यार्डैंग मशरूम शैल
लम्बे रिज तथा खांचे ऊपर चौड़ा, नीचे संकरा
मुख्यतः हवा की क्षरण क्रिया हवा की कटाव से

प्रश्न 5: हिमानी कटाव से बनने वाले दो स्थलरूप लिखिए।

सर्क, अरेट, U-आकार घाटी, हॉर्न।

प्रश्न 6: डेल्टा बनने की शर्तें क्या हैं?

  1. नदी में गाद अधिक मात्रा।

  2. समुद्र शांत हो।

  3. ज्वार-भाटा कम हो।

  4. तट उथला हो।


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